फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। बोकारो जिले (Bokaro district) के जरिडीह प्रखंड के हद में 17 पंचायतों के जनप्रतिनिधियों में कार्यरत त्रिस्तरीय पंचायती राज्य संस्थाओं के विकल्प के रूप में कार्यरत कार्यकारी समितियां 27 जुलाई से भंग हो गयी है। उक्त जानकारी जरिडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी उज्ज्वल कुमार सोरेन (Ujjwal kumar soren) ने दी।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण झारखंड (Jharkhand) में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं हो सका था। लिहाजा, राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधि को ही कार्यकारी समिति का प्रधान बनाते हुए कार्यकाल छह माह तक बढ़ा दिया था, और कार्यकारी समितियां बनाई थीं।
इस समिति में मुखिया को पंचायत के प्रधान के रूप में मान्यता दी गई थी। उसे वित्तीय शक्ति भी प्रदान की गई थी। छह माह का कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की कार्यकारी समितियों को विघटित कर दिया।
प्रखंड विकास पदाधिकारी उज्ज्वल कुमार सोरेन ने बताया कि आदेश के अनुसार 27 जुलाई से पंचायत के जनप्रतिनिधियों का वित्तीय पावर समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जरिडीह प्रखंड में 17 पंचायत मुखिया, 21 पंचायत समिति सदस्य, दो जिला परिषद और 210 वार्ड सदस्यों के रूप में जनप्रतिनिधि शामिल हैं।
इसके पास आज से किसी भी प्रकार का वित्तीय पावर नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत के जनता का जो भी प्रमाण-पत्र बनाना है, उसके लिए पंचायत के जनप्रतिनिधि और पंचायत सेवक की अहम भूमिका रहेगी।
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