सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी कॉलेज में अनुमंडल पदाधिकारी जगन्नाथपुर के आदेशानुसार 23 अप्रैल को तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव विषय पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोजित विश्वास द्वारा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुदामय साव, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी जितेंद्र केसरी एवं प्रखंड कल्याण पदाधिकारी रविन्द्र कुमार सिंहदेव को बुके प्रदान कर की गई।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ विश्वास ने पदाधिकारियों, प्रखंड स्तर के विभिन्न उच्च विद्यालयों के नोडल शिक्षक एवं टोबैको मानिटर का अभिनंदन करते हुए कहा कि मादक पदार्थ न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नष्ट करता हैं, बल्कि समाज और शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव डालता हैं।
उन्होंने कहा कि नशा का शिकार यदि दृढ़ इच्छाशक्ति रखे तो वह नशा को त्याग कर एक समान्य और सम्मानजनक जीवन शैली अपना सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की नशा मुक्ति कार्यशालाएं विद्यार्थियों में चेतना और जागरूकता पैदा करने का सशक्त माध्यम है।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी साहू ने कहा कि नशीले पदार्थ का सेवन हमारे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ हमें मानसिक और आर्थिक रूप से भी कमजोर कर देती है। जब नशे के शिकार व्यक्ति को साधन नहीं मिलता तो वह पागलों जैसा व्यवहार करता है और उसका सारा जीवन नर्क बन जाता है। उन्होंने छात्रों को नशे से दूर रहकर एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य पदाधिकारियों ने भी नशा मुक्ति पर अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर नोवामुंडी कॉलेज के नोडल अधिकारी सह सहायक अध्यापक नरेश कुमार पान एवं कॉलेज के छात्र मॉनिटर ने भी नशा मुक्ति पर अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों को नशापान के विरुद्ध जागरूक बनाने की अपील की। मौके पर डॉ मुकेश कुमार सिंह, प्रो. कुलजिंदर सिंह, साबिद हुसैन, तन्मय मंडल सहित प्रखंड के विभिन्न स्कूलों से उपस्थित शिक्षक एवं काफी संख्या में कॉलेज के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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