एससी/एसटी एक्ट की तर्ज पर मुस्लिम सेफ्टी एक्ट जरूरी-बलयावी
शादी में दहेज, फुहरता तथा आतिशबाजी करने वालो का होगा बहिष्कार-कुतुबद्दीन
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में कथारा स्थित सीसीएल जीएम ग्राउंड में 12 नवंबर को एदारे ए शरीया तहरिके बेदारी के बैनर तले जागरुकता सह समाज सुधार एक दिवसीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। अध्यक्षता मौलाना सैयद शाह अल्लमा शिबली पिरे तरिकत तथा संचालन मौलाना कुतुबद्दीन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पुर्व राज्य सभा सांसद मौलाना गुलाम रसुल बलयावी उपस्थित थे।
इस अवसर पर एदारे ए शरीया तहरिके बेदारी कार्यक्रम की शुरुआत पाक कुरआन के आयतों से किया गया। कार्यक्रम के शुरुआत में सबसे पहले स्थानीय व दुर दराज से आये नातखाओ ने एक से बढ़कर एक नात नबी के शान मे पेश की। नात के माध्यम से ही नातखाओ ने समाज की खामियों और सरकार के नाकामियों को उठाने का काम किया।
कार्यक्रम के आरंभ में खुलासा कर दिया गया कि आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुस्लिम समाज के भीतर फैले 19 बुराईयों पर चर्चा के साथ समाज के विभिन्न मुद्दों पर बहस होगी। बारी बारी से सभी वक्तागण मंच पर पहुंचकर अपनी बाते रखने के साथ उससे उबरने के उपाय भी बताये।
जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में क्षेत्र के लगभग 300 मस्जिदों के इमाम के अलावे पुरे बेरमो अनुमंडल से लगभग 68 पंचायत पदाधिकारियों तथा बोकारो जिला के हद में भर्रा, उकरीद, सिवनडीह, बालीडीह, पेटरवार, कसमार, बारु, पिछरी, फुसरो, अंगवाली, चलकरी, खेतको, असनापानी, आदि।
बोकारो थर्मल राजा बाजार, नूरीनगर, बरवाबेड़ा, कुरपनिया, संडेबाजार, जारंगडीह, झिरकी, साड़म, ललपनिया, छपरगढ़ा आदि के अलावे गिरिडीह, इसरी, डुमरी, हजारीबाग, रामगढ़ व रांची आदि स्थानों से दर्जनों की संख्या में धर्म गुरुओ, मस्जिदों के इमाम व् हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय की महिला, युवतियां, पुरुष व युवा शामिल थे।
आयोजित कार्यक्रम में नाराये तकबीर, अल्लाह हु-अकबर के जमकर नारे लगाए गये। कार्यक्रम में वक्ताओं में पीरे तरिकत हुजूर मुफ्ती शमशुद्दीन, मुफ्ती डॉ अमजद रजा अमजद, मुफ्ती अनवर नजामी, मौलाना कारी नेसार अहमद, मौलाना नोमान अख्तर, मौलाना मुफ्ती अबु होरेरा रिजवी, मौलाना सैयद शाह तिबरानी, मुबारक हुसैन, जफर अकील, हसमत रजा साहिल, तौकीर रजा, मौलाना दिलवर शाही आदि शामिल थे।
मुख्य वक्ता मौलाना बलयावी ने अपने संबोधन में केन्द्र व झारखंड सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने वर्तमान सरकार के विभिन्न खामियों को गिनवाने के साथ साथ एससी/ एसटी एक्ट की तर्ज पर मुस्लिमों की जानमाल, इज्जत, आबरु की हिफाजत के लिए मुस्लिम सेफ्टी एक्ट बनाने की मांग की। साथ हीं उन्होंने कहा कि खुद को सेकुलर कहने वाली पार्टियों के नेता उस समय कहां चली जाती है, जब मुस्लिमों का माबलिचिंग भीड़ द्वारा कर दिया जाता है।
कहा कि बीते समय में सिर्फ झारखंड में 64 मुस्लिम बच्चों और युवाओं का माब लिचिंग कर दिया गया। उन्होंने उर्दू शिक्षकों की बहाली के मुद्दे को लेकर कहा कि पहले सरकारी दफ्तरों में जुमा के नमाज के लिए छुट्टी दी जाती थी, मगर वह भी बंद कर दिया गया।
कहा कि अब इसे अल्पसंख्यक समुदाय कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि एदारे ए शरीया अब एक मुहिम छेड़ी है। अब इसी तरह के आयोजन कर इस कौम को जगायी जायेगी और अपना हक व अधिकार दिलाने का प्रयास करेगी।
मौके पर सदस्यता अभियान भी चलाया गया। उन्होंने समाज की सबसे बड़ी बुराई की तरफ इशारा करते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनो बंद करे। बच्चों को अधिक से अधिक शिक्षित बनाये। मौके पर ही उन्होंने विभिन्न जगहों से पहुंचे तंजीम कमेटी के सदर व सेक्रेटरी को शपथ दिलाई कि आज और अभी से वे अपने अपने इलाके में दहेज लेने देने, शादी में डिजे बजाने, नाच गाना करने व आतिशबाजी करने वाले दुल्हे का निकाह नही होने देगे।
मौके पर ही उन्होंने मस्जिदों के इमामो से आह्वान करते हुए कहा कि ऐसा करने वाले का वहिष्कार करते हुए निकाह नही पढ़ायेंगे। इस बात को लेकर मौके पर ही सभी को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने खास कर शिक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ फजुल खर्ची से परहेज करने की हिदायत दी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में इसराफिल अंसारी उर्फ बबनी, शब्बीर अंसारी, परवेज अख्तर, मो. मनीरुद्दीन, मो. जानी, रिजवान, मो कुदूस, सराफत, मुस्तकीम, इसराफिल, परबेज अख्तर, भोलू खान, गुलजार आलम, मो. निजाम, साबिर अंसारी, मो. इमरान, मो. समीर, शमशुल हक, उस्मान अंसारी, अयूब, आदि।
सफिरुददीन, मो. हसन, रजा अशर्फी, मो. रफीक, मो. शहजादा, छोटू, हाजी इमाम बक्स, मो. कलीम, मो. इम्तियाज, मो. शेखावत, मजहर आलम, शैयद मोहम्मद हारुन उर्फ प्रिंस, गुलाम मुस्तफा, मो. अमीन, अफताब आलम खान, टिंकू, जाबिर अंसारी, खुर्शीद, इस्लाम अंसारी, मो. अफजल अनीस, मो. आबीद आदि ने अहम भूमिका निभाई।
मौके पर ही यह तय कर दिया गया कि एदारे ए शरीया अब जिला, प्रखंड, पंचायत और मुहल्ला स्तर पर कमेटी का निर्माण कर इस सफर को सफल बनाया जायेगा, ताकि मुस्लिम समाज का बेजा इस्तेमाल से रोका जाये तथा उनका वास्तविक विकास संभव हो सके।
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