ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में तेनुघाट उपकारा में 21 नवंबर को एक ऑनलाइन जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Vedio Conferencing) के द्वारा व्यवहार न्यायालय तेनुघाट से आयोजन किया गया।
जानकारी के अनुसार तेनुघाट उपकारा में आयोजित इस ऑनलाइन (Online) या आभासी जेल अदालत में वादों के निष्पादन हेतु एक बेंच का गठन किया गया था। जिसके सदस्य एसडीजेएम दीपक कुमार साहू एव अधिवक्ता रीतेश कुमार जयसवाल मौजूद थे।
उक्त जेल अदालत में किसी भी बंदी के द्वारा मामले के निष्पादन के लिए आवेदन नहीं दिया गया था, जिस कारण एक भी मामले का निष्पादन नहीं हुआ। साथ ही तेनुघाट जेल में एक आभासी या ऑनलाइन विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन व्यवहार न्यायालय तेनुघाट से वीडियो कॉन्फ्रंसिंग के माध्यम से किया गया।
इस जागरूकता कार्यक्रम में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसडीजेएम सह अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव दीपक कुमार साहू ने तेनुघाट जेल के बंदियो को जेल अधिनियम के बारे में जानकारियां दी। साथ हीं बंदियों को बताया गया कि जेल में उन्हें किस प्रकार की सुविधाएं दी जाती है।
बंदियों को दहेज उत्पीड़न की जानकारी देते हुए कहा गया कि दहेज लेना और देना दोनों कानूनी अपराध है। इसलिए दहेज प्रथा से हमें दूर रहना चाहिए। साथ ही एनआई एक्ट की जानकारी देते हुए बताया गया कि लोगों को पैसे की जरूरत पड़ती है तो वह अपने किसी दोस्त मित्र से उधार ले लेते हैं और चेक साइन कर उन्हें दे देते हैं।
इस कारण उन्हें काफी परेशानियां होती है। जो उधार लिए हैं अगर नहीं चुकाते हैं, तो उनके विरुद्ध मुकदमा होता है। उन्हें कर्ज लिया रकम चुकाना पड़ता है। मगर उन्हें उससे ज्यादा दुगना तक रकम चुकाना पड़ सकता है। इसलिए किसी से भी उधार लेकर चेक देते हैं तो यह जरूर कोशिश करें कि उनका चेक बाउंस नही हो।
बंदियों को कानूनी जानकारी देते समय जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी, जेलर अरुण कुमार शर्मा, अधिवक्ता रीतेश जयसवाल आदि मौजूद थे। उक्त बातों की जानकारी बेरमो अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसडीजेएम दीपक कुमार साहू ने दी।
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