आशाकर्मियों ने जुलूस निकालकर जिलाधिकारी के समक्ष किया प्रदर्शन

जाम में फंसे श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, अधिकारीयों के फुले हांथ पांव

आशा कार्यकर्ता व फैसिलिटेटरों की मांग पूरा करे सरकार-तरन्नुम फैजी

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बीते 12 जुलाई से हड़ताल पर डटी आशाकर्मियों ने 20 जुलाई को अपने राज्यव्यापी अह्वान के तहत समस्तीपुर जिला के हद में सदर अस्पताल से जुलूस निकालकर जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सड़क पुरी तरह जाम हो गई। समाहरणालय जाने के दौरान जाम में श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव फंस गये।

इसकी जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन सक्रिय हो गई। प्रधान सचिव के जाम में फंसने की सूचना के बाद प्रशासनिक अधिकारीयों के हांथ पांव फुल गये। इसे लेकर एसडीओ, डीएसपी, नगर एवं मुफस्सिल थानाध्यक्ष, इंसपेक्टर समेत बड़ी संख्या में महिला पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिए गये।

जानकारी के अनुसार आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान जिलाधिकारी से वार्ता कराने को मजिस्ट्रेट के नहीं रहने से प्रदर्शनकारी उग्र हो गये। अधिकारियों के जाम हटाने के आग्रह को उग्र आंदोलनकारी मानने से इनकार कर दिया।

इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंची आशाकर्मियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए समाहरणालय के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठ गये। इससे समाहरणालय पर अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। अंत में वरीय अधिकारियों के आदेश पर पुलिस द्वारा आशाकर्मियों से जाम हटाने अन्यथा बल प्रयोग करने का ऐलान माईक से कराया गया।

इसी बीच प्रदर्शन में शामिल बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ के समस्तीपुर जिला मंत्री तरन्नुम फैजी एवं योगेंद्र गुट के आशा संघ की मंत्री सुनीता प्रसाद के नेतृत्व में जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह से वार्ता करने गई 7 सदस्यीय डेलीगेट को एक घंटा से डिटेन करने का अफवाह फैल गया। बगैर अपने नेता को बाहर निकले आंदोलनकारियों ने रोड खाली करने से इनकार कर दिया।

इसकी जानकारी प्रशासन को मिलते ही जिलाधिकारी के आदेश पर तत्काल समाहरणालय कक्ष में सदर अनुमंडलाधिकारी द्वारा सकारात्मक वार्ता करने के बाद प्रतिनिधिमंडल ने बाहर निकलकर गेट पर संक्षिप्त सभा कर वार्ता की जानकारी दी और तत्काल प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की।

सभा की अध्यक्षता तरन्नुम फैजी ने की। सभा को वीणा कुमारी, शोभा झा, रंजू कुमारी, कल्पना कुमारी, अर्चना झा, रेखा कुमारी, गीता कुमारी, अंजु कुमारी, पुनम कुमारी, सुनीता देवी, सुमित्रा देवी, उषा कुमारी, रंजन कुमारी समेत अन्य आशा नेताओं ने संबोधित किया।

इस अवसर पर महिला संगठन ऐपवा के प्रमिला राय, भाकपा माले के जयंत कुमार, महेश कुमार, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने आशा आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट किया। मौके पर आशा संघ के जिलामंत्री तरन्नुम फैजी ने धरना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को पारितोषिक नहीं, मासिक मानदेय समेत आशा को राज्य कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता व फैसिलिटेटरों की मांग जायज है। इसे अविलंब सरकार पूरा करे अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा।

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