प्रहरी संवाददाता/बोकारो। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बीते 31 जनवरी से ऐश पौंड में चल रहे सभी कार्यों को ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापितों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। प्रभावित विस्थापितों ने अपनी मांग को लेकर एक फरवरी को दूसरे दिन भी आंदोलन जारी रखते हुए कार्य को बाधित रखा।
आंदोलन का नेतृत्व करते हुए विस्थापित स्लैग कंपार्टमेंट समिति के अध्यक्ष रघुनाथ महतो ने कहा कि ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापित वर्षों से नियोजन, पुनर्वास, रोजगार, ठेका के लिए आंदोलन करते रहे हैं। इस बीच कई बार त्रिपक्षीय वार्ता भी की गयी, परंतु आज तक बीएसएल प्रबंधन द्वारा त्रिपक्षीय वार्ता का अनुपालन नहीं किया गया है। ना ही बीएसएल प्रबंधन या बीपीएससीएल प्रबंधन यहां के विस्थापितों को रोजगार दे रहा है।
यहां तक कि ना ही ठेका दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापित गांव को पौंड के छाई प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इसको लेकर झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को भी सूचित किया गया है।
विस्थापित स्लैग कंपार्टमेंट समिति के अध्यक्ष रघुनाथ महतो ने कहा कि कई बार बांध टूटने से भी विस्थापित गांव में छाईं युक्त पानी घरों में घुसने से विस्थापित परेशान होकर घरों से बाहर रहने का काम किया है। जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के द्वारा कार्यवाही करने की बात भी कही गयी, परंतु बीपीएससीएल प्रबंधन आज भी मनमानी करते हुए कार्य कर रही है।
जो यहां के विस्थापित बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के अधिनियम 2021 के तहत स्थानीय को 75 प्रतिशत रोजगार देने का भी नियम बनाया गया है। यहां के विस्थापित आज भी रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
बीएसएल प्रबंधन या बीपीएससीएल प्रबंधन द्वारा यहां के विस्थापितों को किसी तरह का कोई सुविधा नहीं दिया जा रहा है। ऐश पौंड में चल रहे कामों पर बाहर से ठेकेदार को लाकर काम कराया जा रहा है, जो विस्थापितों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि प्लांट के बाहर जो भी ठेका कार्य है विस्थापितों के लिए आरक्षित करना चाहिए।
बीएसएल और बीपीएससीएल प्रबंधन किसी तरह का विस्थापितों को ठेका नहीं दे रही है। जिससे रोजगार भी नहीं मिल रहा है और ना ही नियोजन और पुनर्वास। जिससे यहां के विस्थापितों मे काफी आक्रोश व्याप्त है।
महतो ने कहा कि इसी को लेकर ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापित अपनी मांगों को लेकर ऐश पौंड में चल रहे सारे कार्यों को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखने का आह्वान किया है। आज बंदी का दूसरा दिन है आगे भी बंदी जारी रहेगा। जब तक यहां के विस्थापितों के साथ न्याय नहीं किया जाता है। ऐश पौंड में किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं चलने दिया जाएगा।
बंदी आंदोलन में विस्थापित प्रभावित निरंजन महतो, शंकर रवानी, बबलू रजवार, दीपू मोदी, गणेश महतो, चंदन कुमार, नागेश्वर सिंह, मनोज सिंह, मूर्ति सिंह, अवधेश रवानी, रवि कुमार, उत्तम महतो, चंदन कुमार महतो, शीतल देवी, तुलसी देवी, सोमरी देवी, छुमिया देवी, मंजू देवी, पार्वती देवी, जीतू सिंह, सुरेश रवानी, भुता सिंह, बिनोद रवानी, राजेश मिश्रा सहित सैकड़ो रहिवासी उपस्थित थे।
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