एएसए द्वारा पीएम मोदी समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं का पुतला दहन

फिरोज आलम/जैनामोड़(बोकारो)। चास प्रखंड (Chas block) के हद में कनारी पंचायत में 17 मार्च को आदिवासी सेंगेल अभियान (एएसए) के तत्वावधान में सेंगेल परगना लाखो किस्कू के नेतृत्व में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और बाबुलाल मरांडी का पुतला दहन किया गया।
इस अवसर पर एएसए के जिलाध्यक्ष सुखदेव मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि आरएसएस सुरक्षा जनजाति मंच से बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जनजाति आदिवासी समाज जन्म से ही हिंदू है और जो नहीं मनाते हैं इसका जनजातिय लाभ न मिले। जो अति निंदनीय है। आदिवासी विरोधी है। सरना धर्म विरोधी है। इसका हम लोग विरोध करते हैं। भाजपा/आरएसएस ने बाबूलाल मरांडी के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के आदिवासियों को गुलाम बनाने की षड्यंत्र को जाहिर कर दिया है। बाबूलाल मरांडी के पीछे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, नरेंद्र मोदी, अमित शाह ,जेपी नड्डा का हाथ है। भारत के आदिवासियों को जबरन हिंदू बनाने के इस षड्यंत्र के खिलाफ आज पुतला दहन किया गया। आदिवासियों को हिंदू कहना या हिंदू करण करना हमारे मूल पहचान खत्म कर मानसिक रूप से गुलाम बनाने के लिए भाजपा नेता बीजेपी आरएसएस वालों ने आदिवासियों की प्रकृति पूजक सरना धर्म और हजारों सालों से आदिवासी समाज जो अपनी स्वतंत्र सांस्कृतिक सामाजिक सभ्यता आदिवासी पहचान सजाए हुए हैं। उसको खत्म करने के लिए आदिवासियों को जबरन हिंदू कहा जा रहा है। हमलोग इसका विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों को जबरन हिंदू बनाना संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हमारे धार्मिक आजादी पर हमला है। भारत में 2021 का वर्ष जनगणना का है। हम भारत के अधिकांश आदिवासी अब तक प्रकृति पूजक रहे हैं। अतः सरना धर्म या अन्य विभिन्न नामों से अपनी धार्मिक, अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी और एकता को बचाए रखने के लिए कटिबद्ध है। अपनी धार्मिक पहचान के साथ जनगणना में होना हमारा अधिकार है। मगर बेजेपी/आरएसएस हमारे मौलिक अधिकार (फंडामेंटल राइट्स), मानवीय अधिकार (ह्वयूमन राइट्स) और आदिवासी अधिकार (इंडिजेन्स पीपल रायट्स-यून) को दरकिनार कर जबरन हमें हिन्दू बनाने पर उतारू है। जबकि झारखंड सरकार और बंगाल सरकार ने आदिवासियों की धार्मिक मांग-सरना धर्म कोड का अनुशंसा कर दिया है। भाजपा और आरएसएस ने अबतक इस मामले पर‌ चुप्पी साधकर आदिवासी विरोधी, सरना धर्म विरोधी होने का प्रमाण प्रस्तुत कर दिया है। जो भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। लगता है भाजपा/आरएसएस बाकि बचे दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ों को जबरन अपना गुलाम बनाकर छोड़ेगी। इस मौके पर एएसए जिला संयोजक भीम मुर्मू, पीताम्बर सोरेन, विजय मरांडी,अनिल किस्कू, सुरेश हेंब्रम, रामधन सोरेन, बिन्तोष टुडू, अजय मुर्मू, बिरेंद्र सोरेन, विकास सोरेन, मुंगेश्वर सोरेन, सावित्री मुर्मू, लाल मुनी मुर्मू, काजल हेंब्रम, बसंती हेंब्रम, विजय किस्कू, गंगा मुनी किस्कू, महेश सोरेन, छोटेलाल हेंब्रम, जगदेव हेंब्रम आदि महिला व पुरुष मौजूद थे।

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