प्रहरी संवाददाता/बोकारो। बोकारो जिला के हद में नावाडीह प्रखंड के उपरघाट पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र के मुंगोरंगामाटी (पारटाँड) रहिवासी चेतलाल महतो के पुत्र प्रवासी मज़दूर टिंकू महतो का शव 3 जनवरी को वेल्लोर से गांव पहुँचा। शव को देख परिजनों के हृदय विदारक चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। मृतक 30 वर्षीय युवा था।
बताया जाता है कि मृतक टिंकू का शव जैसे ही उनके घर मुंगोरंगामाटी पहुंचा तो क्या बूढ़े, क्या नौजवान एकाएक उसके घर की ओर दौड़ पड़े। टिंकू की पत्नी लीला देवी और उनकी माँ भगीया देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो चुका हैं। वे लगातार अचेत हो जा रही हैं। आस-पास की महिलाओं द्वारा सम्भाला जा रहा हैं, लेकिन उनकी पत्नी लीला देवी पति के खोने के गम में किसी की नही सुन रही है। उनके एक ही शब्द सभी को रुला दे रहे हैं कि हम केकर बिगाड़ले रहनी हा, अब हमनी केकरा सहारे रहब। पत्नी और माँ की बिलाप सुन कर उपस्थित जनसमूह भी अपने आंसू को नही रोक पा रहा है।
बताया जाता है कि नावाडीह के मुंगोरंगामाटी रहिवासी टिंकू जुलाई में बेंगलुरु मजदूरी करने गया था। वहां स्थित शेरशाह संस प्राइवेट लिमिटेड में वह कार्यरत था। एक सप्ताह पूर्व वह कंपनी से छुट्टी लेकर दोस्त की बीमार मां को देखने के वैल्लोर गया था। उसका दोस्त मां को लेकर जांच कराने के लिए अस्पताल अन्य दोस्तों व परिजनों के साथ चला गया। लेकिन टिंकू लॉज में ही रूक गया। जब उसका दोस्त अपनी मां को जांच कराकर वापस लॉज लौटा तो देखा कि टिंकू मृत पड़ा है।
शव को स्थानीय पुलिस ने अपने कब्जे में ले लेकर शव को पोस्टमार्टम के बाद बीते एक जनवरी को उसके साथियों को सौंप दिया। दो दिन के बाद 3 जनवरी की अहले सुबह टिंकू का शव मुंगोरंगामाटी पैतृक आवास पहुँचा। मृतक टिंकू अपने पीछे दो पुत्री मिस्टी कुमारी (5 वर्ष) एवं विद्या कुमारी (3 वर्ष) सहित पूरे परिवार को बिलखता छोड़ गया।
वही प्रवासी मजदूरों के हितार्थ मे कार्य कर रहे उपरघाट रहिवासी भुनेश्वर कुमार महतो ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है।इससे पहले भी कई अप्रवासी मजदूर की मौत हो चुकी है।रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है।
उन्होंने कहा कि हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है। सरकार को झारखंड में ही रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि मजदूरो का पलायन रोका जा सके। साथ ही उनके मित्र डालेश्वर् कुमार महतो, सुरेश कुमार महतो ने मृतक के दोनो बच्चियों की भरण पोषण के लिए आर्थिक मदद की अपील क्षेत्र के जन प्रतिनिधिओ से की है।
इधर सूचना पाकर अपने समर्थको के साथ पहुँचे डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो, मुखिया मोहन महतो, पंचायत समिति पति बालेश्वर महतो, समाजसेवी नुनुचंद महतो, मनोज, नीलकंठ, भागीरथ व कई गणमान्य जन मृतक के अंतिम संस्कार मे भाग लिया।
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