तीरंदाजी में फोकस, सब्र और एकाग्रता का बहुत बड़ा महत्व है-वीर सिंह मुंडा
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में मेंघाहातुबुरु दुर्गा पूजा कमेटी के द्वारा 26 अक्टूबर को तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन स्थानीय फुटबॉल मैदान में किया गया। आयोजित तीरंदाजी प्रतियोगिता में एक से बढ़कर एक चुनौती पूर्ण प्रदर्शन महिला एवं पुरुष तिरंदाज द्वारा की गई।
जानकारी के अनुसार आयोजित तिरंदाजी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय राउंड के विजेता के आधार पर दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर आयोजन समिति के संचालक वीर सिंह मुंडा, बीरबल गुड़िया, सरगिया अंगारिया, सानिका गुड़िया व अन्य प्रतियोगिता को खास तौर से आयोजित कराया।
आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेल पदाधिकारी अवधेश, सहायक महाप्रबंधक अजीत एवं अर्चना द्वारा विजेता प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण किया गया।
जानकारी के अनुसार महिला वर्ग के विजेता प्रतिभागियों में हीरामणि देवगम, सोनीवारी सिंकू, सीता हेस्सा, सुदुगन सिरका, सावित्री
होनहागा, मनी कुई, सुमित्रा बोइपाई, सोमवारी गोप, पदमा सिंकू को पुरस्कृत किया गया। दूसरी ओर पुरुष वर्ग में विजेता रामेश सुरीन, नंदो बोयपाय, बोन्ज सिद्धू, मंगल गोप, सीता राम मांझी, सोमा लोमगा, दीपक मारला, सोहन गुडिया, मोटाय गागराई एवं जोगा लोमगा को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संचालक वीर सिंह मुंडा ने कहा कि तीरंदाजी एक ऐसा खेल है, जिसमें फोकस, सब्र और एकाग्रता को बहुत महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा कि देखते ही देखते आर्चरी ने पूरे विश्व में अपनी एक अलग जगह बना ली है। वर्तमान समय में तीरंदाजी की पहचान राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो चुकी है। कहा कि मेधावी खिलाड़ियों की छिपी हुई प्रतिभा को प्रतियोगिता के माध्यम से ही निखारा जा सकता है।
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