अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर के लोक सेवा आश्रम प्रेक्षागृह में गोपालगंज जिले के थावे विद्यापीठ द्वारा आयोजित एक दिवसीय वार्षिक अधिवेशन, वसंत काव्योत्सव एवं फूलों की होली बीते 9 मार्च को आयोजित किया गया। इस अवसर पर थावे विद्यापीठ द्वारा कुल 31 विशिष्ट जनों को मानद उपाधि एवं अन्य सम्मान से सम्मानित किया गया।
जानकारी के अनुसार तीन सत्रों में आयोजित इस समारोह में फूलों की होली खेली गयी। कलाकारों ने पारंपरिक होली गीतों का गायन कर हरिहरक्षेत्र सोनपुर की धरती पर मस्ती का दरिया प्रवाहित कर दिया। सभी फूलों की होली की मस्ती में झूम रहे थे। सभी गणमान्य जनों के मुखमंडल दमक रहे थे।
सर्वप्रथम समारोह का उद्घाटन बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष सह लोकसेवा आश्रम सोनपुर के व्यवस्थापक संत विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा, मुख्य अतिथि हरियाणा के डॉ त्रिलोकी चन्द्र फतेहपुरी, विशिष्ट अतिथि राउरकेला उड़ीसा के संजू साहू, छत्तीसगढ़ की कुमारी तृप्ति लूनियां, कुलपति डॉ विनय कुमार पाठक, कुल सचिव डॉ पी.एस. दयाल यति, डॉ ए. राजशेखरन, लखनऊ के आशीष कुमार, दिल्ली के डॉ अरविन्द आनंद, साहब कुमार यादव, चंद्रकांत सिंह, डॉ संतोष देवी एवं समारोह के अध्यक्ष अनिल सिंह गौतम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर संत विष्णुदास उदासीन ने कहा कि फूल प्रेम, सौहार्द, सौन्दर्य और आनंद का प्रतीक है। देवताओं को भी फुल बहुत प्रिय है। फूलों की होली यानी परमात्मा के संग होली का आनंद। उन्होंने कहा कि फूलों की होली को बढ़ावा देने से समाज में परस्पर समभाव, सौहार्द, सेवा और त्याग की भावना बढ़ेगी। इस अवसर पर आयोजित वसंत व काव्योत्सव में मुख्य अतिथि डॉ त्रिलोक चन्द्र फतेहपुरी ने अपनी कविता नजारा देख हरिहरनाथ का फूला समाता हूं।
बुजुर्गों के तजुर्बे में ज्ञान ही ज्ञान होता है, बड़े-बूढ़ों का जिस घर में सदा सम्मान होता है, जो अनुकूल चलता है,वही खानदान होता है प्रस्तुत किया। गीतकार हृदय नारायण झा ने हरिहर क्षेत्र की महिमा पर स्वरचित गीत भरत गण्डकी तीर जडभरत कथा ज्ञान गुण खान है। पुलह ऋषि की पुण्य भूमि यह हरिहर क्षेत्र महान है प्रस्तुत की। शत्रुघ्न कुमार पांडेय ने कहा कि होली के आदर्श है पूर्ण पुरुषार्थ के प्रतीक भगवान श्रीकृष्ण।
इसलिए हम होली में आपसी भेदभाव भूलकर एक मानव होकर एक भाव से रंग लगाते हैं। उन्होंने भक्तिकाल के सूरदास के पद भी गाकर सुनाया। मौके पर राज प्रिया रानी, मीना परिहार, पंकज प्रियम सहित दर्जनाधिक कवियों ने अपनी कविता सुनाकर वातावरण को वासंती उमंग-उत्साह मय बना दिया।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने विद्यापीठ द्वारा प्रकाशित पत्रिका का किया लोकार्पण
इस अवसर पर विद्यापीठ के संस्थापक एवं कुल सचिव तथा विद्यापीठ की पत्रिका जिज्ञासा संसार के संपादक डॉ पी.एस. दयाल यति ने विद्यापीठ की ओर से सभी आमंत्रित विद्वानों एवं संत महात्माओं का सम्मान किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान ने विद्यापीठ द्वारा प्रकाशित पत्रिका का लोकार्पण किया और सभी को होली की शुभकामना दी।
इस अवसर पर डॉ ए. राज शेखर, डॉ त्रिलोक चंद्र, डॉ विनय कुमार पाठक, डॉ संजू साह, साहेब कुमार यादव, डॉ आशीष कुमार, मुगदल पीठ पीठाधीश्वर मुंगेर महंत डॉ देव नाथ दास आदि ने अपने उद्बोधन से फूलों की होली के महत्व को स्थापित किया। होली संगीत गायन और वादन टीम में तबला पर सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष रवि रंजन, साज सज्जा अध्यक्ष अभय प्रकाश सिंह और गायन गुरु डॉ देवानंद ठाकुर, रीता देवी, नवीन कुमार, नवल किशोर ठाकुर, सर्वजीत राम के अलावा पटना की संगीत शिक्षिका डॉ भवानी शारदे की होली गायन आदि की प्रस्तुति लाजवाब रही। डॉ अरविंद आनंद ने स्वागत भाषण किया।
समारोह को सफल बनाने में विशेष अधिवेशन समिति के अध्यक्ष अनिल सिंह गौतम, संरक्षक बाबा विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा, नित्यानंद सिंह, ठाकुर संग्राम सिंह, हरिमोहन यादव, संयोजक विश्वनाथ सिंह, उप संयोजक अभय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र मानपुरी, उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी ए. के. शर्मा, महासचिव शंकर सिंह, सचिव सुनील कुमार यादव, सह सचिव नंद किशोर शर्मा एवं एस. पी. सिंह, संयुक्त सचिव संजीत कुमार, प्रभात रंजन एवं विपीन कुमार सिंह,
मनीष कुमार सहित कई अन्य शामिल रहे।
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