प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन बीएसएसआरयू के गिरिडीह इकाई का वार्षिक सम्मेलन 20 मार्च को आयोजित किया गया। सम्मेलन को संबोधित करने के लिए बिहार – झारखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के सचिव कॉमरेड मृदुल कांति सम्मेलन ने सभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर यूनियन सचिव कॉ मृदुल कांति ने बताया कि कोविड महामारी के उपरांत दवा उद्योग में काम करने वाले कामगारों की लगातार छटनी हो रही है। दवा विक्रय प्रतिनिधि बड़ी तादाद में बेरोजगार हो रहे हैं।
सौ-सौ एमआर की नौकरियां एक दिन में ही जा रही है और वे सड़क पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि खासकर मल्टीनेशनल कंपनियां बड़ी तादाद में छटनी कर रही हैं। सरकार भी इस पर रोक लगाने के बजाय उस के पक्ष में कानून बनाकर उसे साथ देने में तत्पर है।
उन्होंने कहा कि दवा की कीमत पर कोई जीएसटी नहीं होना चाहिए तथा दवाइयों के दाम कम होने चाहिए। इसके लिए मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के अखिल भारतीय संगठन एफएमआरआई द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा आमजनों की मूलभूत आवश्यकता है। अतः सरकार को स्वास्थ्य सेवा में अपनी बजट बढ़ाकर कम से कम 4.8 प्रतिशत करना चाहिए।
इस वार्षिक सम्मेलन में इकाई सचिव कॉ ज्योतिर्मय चटर्जी ने पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में इकाई के कामकाज का लेखा-जोखा अपने रिपोर्ट के जरिए रखा। इकाई के कोषाध्यक्ष कॉ पतित पॉल ने भी पिछले 1 साल के आय-व्यय का लेखा-जोखा पेश किया।
यह वार्षिक सम्मेलन इकाई अभिजीत दां की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। उन्होंने अपने एमआर साथियों से सुबह 9 बजे से संध्या 6 बजे यानि आठ घंटे के काम करने के नियमों का अनुशासित रुप से पालन करने का आग्रह किया। वार्षिक सम्मेलन में 50 से अधिक एमआर साथियों ने भाग लिया।
वार्षिक सम्मेलन को सफल बनाने में जितेंद्र, अमित, विकास, सुरेश सिन्हा, नित्यानंद प्रसाद आदि का प्रमुख योगदान रहा। इस अवसर पर यूनियन के मीडिया प्रभारी कॉ मृदुल कांति ने बताया कि बीएसएसआर यूनियन मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव तथा समाज के हित की लड़ाई के लिए संघर्षरत है। उन्होंने आगामी 5 अप्रैल को दिल्ली में किसान -मजदूर के महा रैली को सफल बनाने का आह्वान किया।
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