एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर(बिहार)। नफरत और जुल्म के माहौल में एकता और संघर्ष की जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए निरंतर कविता, कहानी, आलोचना, गीत, संगीत की अहम भूमिका है। इस भूमिका को मजबूती से जन संस्कृति मंच सदियों से निभाता रहा है। इस दौर में इसे और अधिक व्यापक बनाकर गांव से शहर तक जसम की भूमिका बढ़ाना है।
उक्त बातें समस्तीपुर (Samastipur) जसम के पुनर्गठन के मौके पर शहर के विवेक विहार मुहल्ला में 15 मार्च को जसम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह प्रख्यात रंगकर्मी अनील अंशुमन (Anil Anshuman) ने कही। उन्होंने कहा कि समस्तीपुर के जसम से जुड़े बुद्धिजीवी देश स्तर पर सक्रिय रहे हैं। जसम को इसे और आगे बढ़ाने की चुनौती स्वीकार करना होगा। जसम के क्रियाकलाप का असर छात्र, नौजवान, मजदूर, किसान आदि पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता रहा है।
अंशुमन ने कहा कि जाति- सांप्रदाय सूचक फुहर एवं अश्लील गीत के खिलाफ ताजपुर- समस्तीपुर जसम समेत अन्य संगठनों की लड़ाई को माले विधायक अजीत कुशवाहा ने विधानसभा में उठाया। फलतः बिहार सरकार को गाड़ी आदि में फुहर एवं अश्लील गीत बजाने पर रोक लगाने एवं इस कारवाई की चिट्ठी निकलना पड़ा। यह काफी नहीं है। अश्लील गीत लिखने, गाने एवं बजाने वाले सभी पर एफआईआर होना चाहिए।
बैठक की अध्यक्षता जय प्रकाश भगत ने की। मौके पर जसम का 15 सदस्यीय जिला संयोजन समिति का पुनर्गठन किया गया। जिसमें अरबिंद आनन्द, अमलेंदू कुमार, विजेंद्र कुमार, खुर्शीद खैर, मनोज कुमार मुन्ना, सुनील कुमार, जितेंद्र कुमार, सैयद नौशाद अख्तर, अकबर रजा सदस्य चुने गये। जबकि जय प्रकाश भगत संयोजक चुने गये। यहां जसम का सदस्यता अभियान चलाकर विभिन्न कार्यक्रम करते हुए पंचायत चुनाव बाद जिला सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया। मौके पर भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, ऐपवा जिलाध्यक्ष वंदना सिंह, नौशाद अहमद, विश्वनाथ राम, आर के दूबे समेत अन्य गणमान्य मौजूद थे।
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