ग्रामीण जनप्रतिनिधि पर तो जनप्रतिनिधि सरकार को दे रहे हैं दोष
एस. पी. सक्सेना/ए. जयसवाल/बोकारो। पेटरवार प्रखंड के हद में अंगवाली उत्तरी पंचायत में कचरे का अंबार सड़क किनारे यत्र तत्र सर्वत्र देखा जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीण रहिवासी यहां के जनप्रतिनिधियों को दोषी मान रहे हैं, जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि इसके लिए सरकार की दोहरी नीति का ठीकरा फोड़ पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं। वहीं झामुमो नेता समस्या को जिला प्रशासन (District Administration) की पहल से ठीक करने की बात कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार अंगवाली उत्तरी पंचायत के मुख्य चौक के समीप पानी टंकी के पास कचरे का अंबार देखा जा रहा है। वहीं नहर मार्ग पुलिया के दोनों ओर कचरा इस कदर भरा हुआ है कि रहिवासियों को उक्त मार्ग पर पैदल चलना भी दूभर हो गया है। रहिवासी कचड़े से होनेवाली बीमारियों को लेकर भयग्रस्त हैं।
इस संदर्भ में स्थानीय अंगवाली मध्य विद्यालय के शिक्षक शिवचरण कपरदार तथा तारकेश्वर कपरदार ने 29 जनवरी को दौरे के क्रम में बताया कि यहां लगे कचड़े की सफाई का दायित्व ग्रामीण प्रतिनिधियों का बनता है। यहां के ग्रामीण प्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं देते। शिक्षकों ने कहा कि हम अपने विद्यालय की सफाई रखते हैं।
हम सब खास महोत्सव के अवसर पर साफ सफाई करते हैं। साफ सफाई के लिए यहां के प्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता है। कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को इस पर ध्यान देना चाहिए।
मौके पर स्थानीय मुखिया धर्मेंद्र कपरदार और उप मुखिया रियाज अंसारी ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन को कई बार आवेदन के माध्यम से अवगत कराएं, किंतु सरकार की दोहरी नीति शहरी क्षेत्र को सफाई के लिए फंड मुहैया जबकि पंचायत फंड की व्यवस्था नहीं कराने के कारण वे सफाई कराने में असमर्थ हैं।
अबतक वे ग्रामीणों के माध्यम से साफ सफाई करते आ रहे हैं। स्थानीय समाजसेवी परशुराम नायक ने कहा कि यहां वे 25-30 वर्षों से रह रहे हैं। यहां अगल बगल 50 बार सफाई हुआ, किंतु फिर भी यहां आसपास के घरों तथा दुकानों, होटलों से कचड़ा डाल दे रहे हैं। जिससे यहां सालोभर गंदगी का अंबार लगा रहता है।
ग्रामीण समाजसेवी राधे ठाकुर ने कहा कि गांव में कचरे का अंबार को यहां से हटाने के लिए प्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मनोज कुमार ने कहा कि आसपास की महिलाएं कचरा लगा देती है। इसपर स्थानीय मुखिया को ध्यान देना चाहिए। बताया गया कि बीते सप्ताह विधायक प्रतिनिधि को कहा गया किंतु उन्होंने फंड नहीं होने की बात कही।
यहां उपस्थित चलकरी पूर्वी पंचायत के बोरवापानी आदिवासी टोला के निवासी कालिदास मुर्मू ने कहा कि हमारा आदिवासी टोला गांव है। जहां पुरी तरह से साफ सफाई पर रखा जाता है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके गांव में आज भी संपर्क पथ नहीं है।
वार्ड क्रमांक 11 के सदस्य भोला राज ने इस विषय को लेकर कहा कि मुखिया से इस विषय पर कई बार बात कर चुके हैं। पुनः इसपर वे बात करेंगे। स्थानीय मुर्गा दुकानदार बैजा रजवार ने साफ सफाई करने की बात कही।
इस संबंध में झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरीय नेता अनिल अग्रवाल ने कहा कि कचरे के अंबार जहां लगा हुआ है इसके लिए सभी को जागरूक होना होगा। उक्त मामला को लेकर वे जिला प्रशासन को अवगत कराएंगे, ताकि जल्द इसका निदान हो सके। और रहिवासी स्वच्छ वातावरण में सांस ले सके।
बहरहाल इस समस्या का समाधान कब होगा। आम रहिवासी इस गंदगी से होने वाले बीमारियों से कब तक बचे रह सकते हैं। यह भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इतना तो कहा जा सकता है कि प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही का खामियाजा यहां के आम रहिवासियों को भुगतना पड़ रहा है
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