सीओ को सौंपे गये पीएम के नाम ज्ञापन में नए मोटर अध्यादेश वापस लेने की मांग
एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। केंद्र के मोटर वाहन के नए नियम के विरोध में चालकों ने लातेहार जिला के हद में चंदवा स्थित डांकबंगला से इंदिरा गांधी चौंक तक 2 जनवरी को आक्रोशपूर्ण रैली निकाली। रैली में शामिल चालक नए मोटर वाहन बील को वापस करो, नए मोटर वाहन बील को रद्द करो, मोदी सरकार होश में आओ के नारे लगा रहे थे।
प्रदर्शन का नेतृत्व चालक संघ के अध्यक्ष अशोक दुबे, सचिव छोटू नायक, झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य दीपू कुमार सिन्हा, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष असगर खान, माकपा नेता अयुब खान संयुक्त रूप से कर रहे थे।
इस अवसर पर माकपा नेता अयुब खान की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए दीपू कुमार सिन्हा ने कहा कि संसद में भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद अब हिट एंड रन (मोटर वाहन दुर्घटना) के मामलों में वाहन चालकों को 10 वर्ष की सजा एवं 7 लाख की भारी आर्थिक जुर्माना का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का नए वाहन नियम से चालक बेरोजगार हो जाएंगे। यह चालकों के लिए उम्र कैद जैसी सजा से कम नहीं है। कहा कि एक तो रोजगार मिल नहीं रही है, दुसरी ओर चालकों को बेरोजगार करने के लिए सरकार नए नए अध्यादेश ला रही है।
उन्होंने कहा कि वाहन चालक वाहन चलाकर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे, लेकिन केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार के इस नए मोटर वाहन बील ने चालकों को बेचैन कर दिया है। उन्होंने चालकों के आंदोलन को देशवासियों से समर्थन करने की अपील की।
चालक संघ के प्रखंड अध्यक्ष अशोक दुबे ने कहा कि इस कानून से केवल चालकों को नुकसान नहीं है। इसमें वाहन मालिक, मोटर पार्ट्स, गैरेज वर्कर्स, पेट्रोल पंप, बाजार हाट, परिवहन से जुड़े करोड़ों देशवासियों की रोजी रोटी पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की वापस ली गई काला कृषि कानून से भी अहितकारी है नए मोटर वाहन कानून।
कांग्रेस के चंदवा प्रखंड अध्यक्ष असगर खान ने कहा कि चालकों के विरोध में लाए गए इस नए ट्रैफिक एक्ट का विरोध पूरे देश मे हो रहा है। चालक वर्ग को और उसके परिवार को यह ट्रैफिक एक्ट भुखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर देगा।
अध्यक्षता कर रहे माकपा नेता अयुब खान ने कहा कि इस कानून के लागू होने से सभी वाहन चालक गाड़ी चलाना छोड़ देंगे। ऐसे में गाड़ी लाईन के रोजगार से बड़ी आबादी पार्टृस दुकान, गैरेज लाईन से जुड़े हैं। इन सबकी रोजी रोटी पर खासा असर पड़ेगा।
चालक संघ के सचिव छोटू नायक, कोषाध्यक्ष कमेश यादव तथा मो. अफताब ने कहा कि किसी भी दुर्घटना में चालक के साथ दुर्घटना के पीड़ित शिकार की भी कहीं न कहीं गलती होती है। ऐसे में सिर्फ चालक के विरुद्ध कानूनी तौर पर आर्थिक व जेल की सजा का प्रावधान लाना गलत है।
वक्ताओं ने कहा कि अगर चालकों के पास रुपया होता तो वे गाड़ी क्यों चलाते? दुसरे व्यवसाय कर सकते थे। उन्होंने कहा कि पहले के कानून में एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर जेल जाता था और उन्हें कोर्ट में केस मुकदमा का चक्कर काटना पड़ता था।
इतना भी सजा कम नहीं थी। आज जो चालक है, उनकी मासिक सैलरी 10 से 25 हजार रुपया महीना होता है। इस दौर में इतनी महंगाई और बच्चों की पढ़ाई लिखाई तथा बिमारी में हो रहे खर्च को देखते हुए यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी बचत होती होगी।
सरकार के नए कानून से चालकों की जिंदगी तबाह हो जाएगी। साथ ही उसका परिवार भी बर्बाद होगा। वक्ताओं ने इस कानून को तत्काल वापस लेने की मांग की। सभा के दौरान चंदवा के अंचलाधिकारी (सीओ) जय शंकर पाठक, थाना प्रभारी शुभम कुमार को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन उन्हें सौंपा गया, जिसमें नए मोटर वाहन अध्यादेश को रद्द करने की आग्रह की गई है।
प्रदर्शन व् सभा में उपरोक्त के अलावा अमीन अंसारी, राहुल कुमार, सुनील टोपनो, कमेश यादव, सुरज रजक, इम्तियाज आलम, सत्येंद्र सिंह, विदेशी गंझु, सरवन उरांव, रमेश कुमार, नरेश यादव, दिनेश कुमार, रमेश गंझु, सीताराम लोहरा, सीमॉन टोपनो, पवन कुमार भारती, अजय उरांव, सुखदेव गंझु, आदि।
रामबीहारी प्रजापति, संतोष उरांव, मनोज गंझु, ललन उरांव, मुमताज अंसारी, मो. नसीम, प्रकाश महतो, मो. जुनैद, बबलू गंझु, नेजामत अंसारी, जयराम उरांव, करमदेव गंझु, राजन दुबे, मनोहर टोपनो, बालदेव गंझु, अनिल महली, उमेश कुमार, बीनोद मुंडा समेत सैंकड़ों चालक शामिल हैं।
सभा के पश्चात चालक संघ चंड़वा की नई कमिटि का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष अशोक दुबे, सचिव छोटू नायक, कोषाध्यक्ष कमेश यादव को बनाया गया। साथ हीं अगली बैठक में कमिटि का विस्तार करने का निर्णय लिया गया।
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