अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर के प्रसिद्ध श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम् दिव्य देश स्थित नौलखा मन्दिर में 28 सितंबर को भाद्रपद मास शुक्लपक्ष मध्याह्न व्यापिनी चतुर्दशी को श्रीअनन्त भगवान की उपासना कर अनन्त चतुर्दशी व्रत पूजन किया गया। इस दिन अनन्त भगवान की पूजा करके संकटों से रक्षा करने वाला अनन्तसूत्र बांधा जाता है।
उपर्युक्त बातें नौलखा मन्दिर के प्रबंधक बाबा नन्द कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में अनंत व्रत कथा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अनंत व्रती पहुंचकर कथा का श्रवण किया।
उन्होंने कहा कि जब पाण्डव द्युत क्रीड़ा में अपना सारा राज-पाट हारकर वन में कष्ट भोग रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनन्त चतुर्दशी का व्रत करने की सलाह दी थी। धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों तथा पांचाली द्रौपदी के साथ पूरे विधि-विधान से यह व्रत किया तथा अनन्त सूत्र धारण किया। अनन्त चतुर्दशी व्रत के प्रभाव से पाण्डव सब संकटों से मुक्त हो गए।
बाबा नन्द कुमार ने कहा कि इस अवसर पर नौलखा मन्दिर प्रांगण में शेष शैय्या पर लेटे भगवान श्रीहरि विष्णु के श्रीविग्रह का ध्यान करते हुए विधि विधान से पूजा किया गया। दर्जनों माताओं एवं बन्धु जन ने देवस्थानम् में एकत्रित हो भगवान अनन्त देव की कथा पंडित शिवकुमार झा से श्रवण कर अनन्त सूत्र अपने हाथों में बांधे।
भगवान श्रीअनन्त के सामने चौदह गांठें वाले सूत्रों को रखकर षोडशोपचार से पूजन कर पुरुष दाहिने बांह और महिलाओं द्वारा बांये बांह में बांधा जाता है। इस प्रकार अनन्त चतुर्दशी व्रत करने से अनन्त पुण्य प्राप्त होता है और सभी प्रकार के कष्ट, संकट समाप्त हो जाता है। उक्त अवसर पर मन्दिर मीडिया प्रभारी सह समाजसेवी लाल बाबु पटेल सहित बड़ी संख्या में भक्त गण मौजूद थे।
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