लक्ष्मी नारायण के नौवें अवतार थे बुद्ध-विनय
अम्बेदकर को किसी जाति बंधन में नहीं बांधा जा सकता-अजय
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में कथारा चार नंबर स्थित मेला मैदान में 14 अप्रैल की संध्या संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 132वीं जन्म जयंती मनाया गया। जन्म जयंती के मुख्य अतिथि कथारा कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी, विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय अधिकारी असैनिक, कोलियरी प्रबंधक, कार्मिक प्रबंधन तथा भाजपा नेता उपस्थित थे।
नागरिक मंच कथारा की ओर से आयोजित बाबा साहेब अंबेदकर की जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि कथारा कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी बी के साहू ने कहा कि वे भाग्यशाली है कि ऐसे आयोजनों में उन्हें बुलाया गया है।
उन्हें यहां आकर बहुत कुछ सीखने को मिला है। विशिष्ट अतिथि कथारा कोलियरी प्रबंधक गोपाल सिंह मीणा ने कहा कि बाबा साहब के विचारों को यदि हम 1 या दो प्रतिशत भी आत्मसात करते हैं तो यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
क्षेत्रीय प्रबंधक असैनिक ऋषिकेश महापात्रा ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जिनकी हम जयंती मना रहे हैं उनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे एक प्रखर विधि ज्ञाता के साथ-साथ मनोविज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी।
उन्होंने संविधान की रचना कर समाज में समानता, समतामूलक समाज और बन्धुत्व को परिभाषित किया है। जिसके बदौलत आज हमारा देश उच्चतर श्रेणी में है। उनके विश्व बंधुत्व के सिद्धांतों पर चलकर ही मानव विकास के वास्तविक रूप को देखा जा सकता है। कार्मिक प्रबंधक गुरु प्रसाद मंडल ने कहा कि बाबा साहेब की जीवनी को हमें आत्मसात करने की जरूरत है।
भाजपा नेता विनय सिंह ने कहा कि बाबा साहब जब हिंदू धर्म के आडंबरो से त्रस्त थे तब अन्य धर्म के धर्मवलंबीयों ने उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया, लेकिन इन सबसे इतर बाबा साहेब ने विश्व बंधुत्व की भावना और मानववाद को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बौद्ध धर्म को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि एक महान भारतीय लेखक द्वारा गौतम बुद्ध को लक्ष्मी नारायण का नौवां अवतार कहा गया है। इसलिए बुद्ध भी हमारे आदर्श हैं। उन्होंने पूजा त्यौहारों में सर्वप्रथम आह्वान को लेकर बुद्ध के नामों की चर्चा की। साथ ही कहा कि फ्रांस की राज्य क्रांति के सूत्रधार रूसो के सिद्धांत सामाजिक संविदा को बाबा साहेब मानते थे।
श्रमिक नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जिनकी हम सभी आज जयंती मना रहे हैं, वैसे विद्वान थे कि समाज में होने वाले विकास को आज से लगभग 76 वर्ष पूर्व ही महसूस कर लिया था। यही कारण था कि उन्हें संविधान का रचयिता बनाया गया था। उन्होंने कहा कि उस काल में भी देश में विद्वानों की कमी नहीं थी।
बावजूद इसके बाबा साहब ने हीं संविधान की रचना की। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब को हम किसी जाति धर्म के बंधन में नहीं बांध सकते हैं। यदि कोई ऐसा सोचता है तो यह बाबा साहेब के प्रति अन्याय होगा, क्योंकि बाबा साहेब किसी एक के नहीं बल्कि पूरे देश के आदर्श थे।
उन्होंने यहां स्थापित प्रतिमा के खंडित होने की बात कहते हुए कहा कि नागरिक मंच कथारा द्वारा जल्द ही बाबा साहेब की नई प्रतिमा पुनः स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें समाज के सभी प्रबुद्ध जनों सहित कोलियरी क्षेत्र के अधिकारियों का भी सहयोग अपेक्षित है।
मौके पर अध्यक्ष मंडली के सदस्य रुपलाल यादव, मथुरा सिंह यादव, देवेंद्र यादव, प्रो. श्याम नंदन मंडल, वेदब्यास चौबे, बैरिष्टर सिंह, काशी यादव, बांध पंचायत के पंसस चन्द्रदेव यादव आदि ने बाबा साहेब के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर उपरोक्त के अलावा नागरिक मंच कथारा के चंद्रशेखर प्रसाद, बोड़िया दक्षिणी के पूर्व मुखिया घनश्याम प्रसाद, बालदेव यादव, विजय यादव, राजेश कुमार पांडेय, एन के त्रिपाठी, केदार यादव, विजय चौहान, कपिल यादव, अशोक यादव, सुरेश राम, देवाशीष आस, भिखम, सोनू मिश्रा, पवन कुमार सिंह, विजय नायक, आदि।
सोनू मिश्रा, राजू सिंह, अनंत देव प्रसाद, नागेश्वर नोनिया, पंच राम, संतोष गौड़, सुजीत मिश्रा, राकेश कुमार, राजेश यादव, रंजीत सिंह, प्रमोद यादव, दीपक कुमार, मनोज सिंह, सुरेश महतो, सुरेश ठाकुर, राजदेव चौहान, मनोज यादव, रवि चौहान, मो. समीम, गुलटन यादव, दशरथ यादव, गणेश महतो, अमिताभ साही, कुँअर प्रताप सिंह, शशि कुमार, नंदन कुमार, हेमंत प्रसाद, जुगनू यादव आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। संचालन विजय यादव तथा धन्यवाद ज्ञापन अजय कुमार सिंह ने किया।
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