अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर के तृप्तीनाथ सदन में एक जनवरी को संगीत संध्या का आयोजन किया गया।
तृप्तीनाथ सदन में नव वर्ष की सरस संध्या पर रामसुंदर दास महिला महाविद्यालय के सचिव व संगीत मर्मज्ञ तृप्तिनाथ सिंह ने जब तोरे नैना की लागे कटार सजनी… ठुमरी और आदमी गुनगुना रहा है इसलिए जिंदा है की प्रस्तुति की तो उपस्थित संगीत प्रेमी झूम उठे। इस प्रस्तुति पर संगीत प्रेमी व वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र मानपुरी कह उठे कि इसे सुनकर उन्हें वाराणसी की एक संध्या याद आ गई।
जब एक प्रसिद्ध गायक ने इसे राधा – कृष्ण संवाद के रूप में पेश कर जागृत सौंदर्य बोध के साथ-साथ आध्यात्मिक अलख जगाई थी। मानपुरी ने कहा कि सचमुच संगीत है तो आदमी का जीवन है। जब तक आदमी गुनगुना रहा है, तभी तक वह जिंदा है। जिस दिन यह गुनगुनाहट समाप्त हुई, इस कायनात का अंत हो जाएगा।
उन्होंने उक्त मौके पर कहा कि उन्हें गीतकार नीरज की भी दो पंक्तियां याद आ रही है …गीत जब मर जाएगा तब यहां क्या रह जाएगा एक सिसकता आंसुओं का कारवां रह जाएगा।”
तृप्तिनाथ सिंह के साथ तबले पर नवयुवक तबला वादक नंदन झा संगत कर रहे थे। साथ में नया गांव के तबला वादक बब्बन सिंह भी अपनी उंगलियों के इशारे से लय को इंगित कर रहे थे। उक्त संगीत संध्या में स्थानीय पत्रकार शंकर सिंह, अधिवक्ता एवं पत्रकार विश्वनाथ सिंह, रामसुंदर दास महिला कॉलेज के कई व्याख्याता, प्रोफेसर सुनीता कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र सिंह, सुनील सिंह, ध्रुव देव शर्मा, सोनपुर मेले को आकर्षक लुक देने में अग्रणी ज्ञानेंद्र सिंह उर्फ टुनटुन, धर्मेंद्र सिंह उर्फ मुन्ना, वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के अधिवक्ता पंकज सिंह, विनय कुमार सिंह, उमेश सिंह सहित कई संगीत प्रेमी उपस्थित थे।
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