कट कर बाहर आई आंत को चिकित्सकों ने किया ठीक
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला मुख्यालय से सटे उपनगर चास स्थित केएम मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर चिकित्सा क्षेत्र में आए दिन नई नई उपलब्धियों को प्राप्त कर रहा है। उपलब्धि भी ऐसी कि आमजन दांतो तले उंगली दबा ले। उक्त बातें केएम मेमोरियल अस्पताल के महाप्रबंधक बीएन बनर्जी ने 15 अप्रैल को एक भेंट में कही।
उन्होंने कहा कि केएम मेमोरियल अस्पताल किसी पहचान का मोहताज नहीं रह गया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के निदेशक डॉ विकास कुमार पांडेय के कुशल नेतृत्व में अस्पताल में कार्यरत उत्कृष्ट चिकित्सकों द्वारा आए दिन ऐसे मरीजों को चिकित्सा सुविधा से पूर्णतः ठीक किया जाता है कि किसी अन्य अस्पताल द्वारा संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में बीते 25 मार्च को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के हद में भोमरबेड़ा निवासी 35 वर्षीय शंकर मांझी का इलेक्ट्रिक कटर से पेट कट गया था। मरीज को आनन-फानन में उसके परिजन के एम मेमोरियल अस्पताल लेकर आए, जहां अस्पताल के वरीय सर्जन डॉक्टर जीएन साहू द्वारा जांच में पाया गया कि उक्त युवक का आंत पेट से बाहर क्षत-विक्षत हालत में है।
साथ हीं रक्त स्राव रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अस्पताल के निदेशक डॉ विकास कुमार पांडेय सूचना के बाद इस मामले को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए बिना एक क्षण गवाएं एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉक्टर शिव शंकर पांडेय तथा सर्जन डॉक्टर जीएन साहू को यथाशीघ्र ऑपरेशन की सलाह दी। मरीज का ऑपरेशन के दौरान स्वयं निदेशक डॉ पांडेय इस मामले की मॉनिटरिंग करते रहे।
बनर्जी के अनुसार इसे चमत्कार कहा जाए या मेडिकल साइंस के दृष्टिकोण से उत्कृष्ट प्रदर्शन कि 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद डॉ साहू द्वारा उक्त युवक के पेट से निकले क्षतिग्रस्त आंत को पुनः स्थापित कर दिया गया। साथ ही अस्पताल के ब्लड बैंक द्वारा आवश्यक रक्त की व्यवस्था की गई।
उन्होंने बताया कि 5 दिनों तक अस्पताल के चिकित्सकों की देखरेख में रहने के बाद उक्त मरीज पुरी तरह सामान्य हो कर अपने घर चला गया। इस बीच बीते 11 अप्रैल को उक्त मरीज को जांच के लिए अस्पताल बुलाया गया था।
इस दौरान मरीज शंकर मांझी ने मीडिया से भेंट में बताया कि उसकी थोड़ी लापरवाही के कारण लकड़ी काटने वाला इलेक्ट्रिकल कटर से उसका पूरा पेट कट गया था। उसने बताया कि उसे अब किसी तरह की कठिनाई नहीं है और वह पूरी तरह स्वस्थ है।
जीएम बनर्जी के अनुसार मरीज के परिजनों ने कहा कि यह उनके परिवार के लिए बहुत बड़ा सौगात है कि केएम मेमोरियल अस्पताल के दक्ष चिकित्सा टीम द्वारा शंकर को जीवन दान दिया गया है।
बनर्जी के अनुसार इस उत्कृष्ट प्रदर्शन का सारा श्रेय अस्पताल के चिकित्सकों तथा निदेशक डॉ विकास पांडेय को जाता है। जिन्होंने ना उम्मीदी में भी न सिर्फ मरीज का इलाज किया, बल्कि परिजनों को एक नया सवेरा का दर्शन करा कर मानवता का जो मिशाल पेश किया वह अविस्मरणीय है।
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