हमेशा बंद रहता है प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय, घंटों इंतजार कर लौट जाते है पशुपालक

चिकित्सक एवं कर्मी के गायब रहने की जांच कर हो कारवाई-सुरेंद्र प्रसाद सिंह

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड के रामापुर महेशपुर चकहैदर स्थित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय शोभा की बस्तु बनकर रह गया है। उक्त चिकित्सालय में न चिकित्सक आते और न ही कर्मी। अपने बीमार पशु के लिए सलाह एवं दवा लेने आये पशुपालक घंटों इंतजार के बाद लौट जाते हैं।

पशुपालकों द्वारा इस आशय से संबंधित जानकारी के बाद अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा माले की टीम पशुपालक शंकर महतो, पशुपालक सह किसान महासभा के नेता ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह एवं भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने लगातार दो दिनों (26 एवं 27 मई) तक उक्त चिकित्सालय पहुंचकर चिकित्सालय खुलने का घंटों इंतजार किया, लेकिन न चिकित्सक और न ही कर्मी पहुंच पाये। चिकित्सालय पूरी तरह बंद रहा।

स्थानीय रहिवासियों से पूछने पर ज्ञात हुआ कि 10-15 दिन में एकाध घंटे के लिए चिकित्सक एवं कर्मी आते हैं और खानापूर्ति कर गायब हो जाते हैं। रहिवासियों ने टीम को बताया कि उक्त अस्पताल में न ईलाज की व्यवस्था है और न ही बीमारी की जांच एवं दवा की। स्थानीय पशुपालक ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि भ्रमणशील चिकित्सक के रूप में एक चिकित्सक एवं एक कर्मी की तैनाती होने की बात बताई जाती है, लेकिन वे ज्यादातर न चिकित्सालय आते हैं और न ही क्षेत्र में भ्रमण करते हैं और न ही जिला मवेशी अस्पताल समस्तीपुर में रहते हैं।

पशुपालक सह अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रखंड अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने 27 मई को भेंट में कहा कि प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय प्रखंड स्तरीय अस्पताल है, बाबजूद इसके न चिकित्सक और न ही कर्मी आते हैं। यहां न ईलाज, जांच या फिर दवा की कोई व्यवस्था है। आखिर यहां के पशुपालको के बीमार पशुओं का ईलाज कैसे होगा?

भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने चिकित्सालय की बदहाली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी से चिकित्सक एवं कर्मी के अस्पताल से गायब रहने की जांच कर कारवाई करने, अतिरिक्त चिकित्सक एवं कर्मियों को तैनात करने, पशुओं के बीमारी की सभी प्रकार की जांच, ईलाज एवं दवा की व्यवस्था करने की मांग की, अन्यथा पशुपालकहित में आंदोलन चलाने की घोषणा की।

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