अखिल भारतीय किसान सभा ने विश्वासघात दिवस मनाया

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा 31 जनवरी को बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में विश्वासघात दिवस मनाया।

इस अवसर पर किसान सभा के बोकारो जिलाध्यक्ष गणेश प्रसाद महतो ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार (Central government) की किसान विरोधी कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानुनी गारंटी हासिल करने और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अभुतपुर्व आन्दोलन चलाया।

इस आन्दोलन के चलते राष्ट्रपति (President) से तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द किया गया। उसके बाद संतुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवम्बर को प्रधानमंत्री (Prime minister) को पत्र के माध्यम से बकाया छह मुद्दों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया।

उन्होंने कहा कि जबाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल (Secretary Sanjay Agrwal) ने 9 दिसम्बर 2021 को संतुक्त किसान मोर्चा के नाम एक पत्र लिखा और कुछ मुद्दों पर सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया।

साथ हीं आन्दोलन को वापस करने का आग्रह किया गया। इस चिट्ठी पर भरोसा कर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के बार्डर पर लगे मोर्चा और तमाम धरना, प्रदर्शनों को 11 दिसम्बर से उठा लेने का निर्णय किया। कॉमरेड महतो ने कहा कि अफसोस है कि एक बार फिर देश के किसानों को धोखा दिया गया।

मोदी सरकार ने उनमें से कोई वादा पुरा नही किया, इसलिए पुरे देश के किसानों ने 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने धरना की अध्यक्षता भी किया।

धरना कार्यक्रम की शुरुआत बेरमो अनुमंडल स्थित तेनुघाट के नीलाम्बर-पीतांबर स्मारक स्थल में शहीदो, स्वतंत्रता सेनानियों एवं तमाम देश भक्तो को श्रद्धाजली देकर और एक मिनट का मौन रखकर किया गया। उद्घाटन कॉ इफ्तेखार महमूद, भाकपा के राज्य कारिणी सदस्य एवं इन्साफ के राष्ट्रीय सचिव ने किया।

यहाँ कॉ महमूद ने कहा कि वर्तमान केंद्र की सरकार अंग्रेजी हुकुमत का नव संस्करण है। देश के किसानों के साथ विश्वास घात किया है। अब फिर से इस पूंजीपति सरकार पर भरोसा करना एक बडी भुल होगी। उन्होंने कहा कि देश के अंदर इनकी नीतियाँ मजदूर-किसान विरोधी है।

आजादी के पुर्व और बाद मे भी देश के अंदर महापुरुषों, विद्वानो, कवियों, साहित्यकारो, नाटककारो, पत्रकारो को सम्मान दिया जाता रहा है, लेकिन पीएम मोदी ऐसे लोगों को अपमानित कर जेलों के अंदर रखने का काम किया है। झारखंड सरकार के इस फैसले का कि बोकारो एवं धनबाद जिले मे भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषा को थोपा जा रहा है, जिसे सहन नही किया जायेगा।

मौके पर किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष कॉ पंचानन महतो, कॉ दिवाकर महतो, कॉ नुनुचंद महतो, कॉ महेंद्र मुंडा, कॉ सोमर मांझी एवं देवानन्द प्रजापति ने सम्बोधित किया। एक जन गीत के साथ धरना समाप्त किया गया।

धरना में कॉमरेड दीनू रजवार, कॉ राधेश्याम महतो, अकलु घांसी, कॉ चमन महतो, कॉ दुर्गा प्रसाद महतो, कॉ कमरुल अंसारी, चन्डी चरण रविदास, जीतू सिंह, चेतलाल महतो, लिलू महतो, योगेन्द्र महतो, महादेव महतो, फेकन महतो, योगेन्द्र महतो आदि उपस्थित थे।

 408 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *