बिहार में सहकारिता विभाग में बड़े पैमाने पर लुट मची है-अकबर अली

राज्य के किसानों को दूर दूर तक कोई लाभ प्राप्त नही-राजद नेता
मृत्युंजय कुमार/उजियारपुर(बिहार)। लोकतांत्रिक साधन (Democratic means) के रूप में पारस्परिक सहायता पर आधारित स्वैच्छिक सहकारी संस्थाओं को संगठित (Organize Institution) कर उनका विकास करने विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों के शोषण को रोकने और उनके सामाजिक, आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने हेतु-सहकारिता विधान का उद्देश्य परिभाषित किया गया है। बिहार राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं संविधान के तहत-सहकारिता विभाग संचालित नही है। उक्त बातें बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल अल्पसंख्यक प्रदेश महासचिव मो अकबर अली ने कही।
राजद नेता ने कहा कि बिहार सहकारिता विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उदासीनता व लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बिहार सरकार के द्वारा आदेश के बाबजूद किसानों की हालत काफी चिंताजनक है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से माँग करते हुए कहा कि बिहार राज्य में सहकारिता विभाग में बड़े पैमाने लुट मची हुई है। राज्य के 38 जिलों में जिला सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा किसानों के धान प्राप्ति में गड़बड़ी करने वाले पदाधिकारी के विरूद्घ
वर्ष-2018-19,19-20 एवं वर्ष-2020-21 में राशि गबन की सीबीआई से जाँच कराने की मांग की है।
अकबर अली के अनुसार बिहार राज्य में वर्ष-2018 में मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत प्रत्येक जिला में किसानों के उपकरणों के लिए राशि सरकार के द्वारा खर्च किया गया है। राज्य में सहकारिता विभाग में बडे पैमाने पर बेरोजगारो के स्वरोजगार के लिए केंद्र व् राज्य सरकार द्वारा जारी कल्याणकारी योजनाएं जैसे समेकित सहकारी विकास परियोजना पर किसानों के लिए करोड़ों,अरबों रूपये खर्च करने के बाबजूद राज्य के किसानों की विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से सहकारिता आंदोलन पर जैसे विराम सा लग गया है। क्या बिहार राज्य में सहकारिता विभाग को दलालों, ठेकेदारों, बिचौलियों के हवाले कर रखा है। आम जनता को सहकारिता विभाग से विकास की लौ बूझने कगार पर है। सहकारिता विभाग का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय चलाना होता है। सहकारिता उपभोक्ता भंडार ‘ सहकारी बैंक ‘ कृषि उपज विपणन सहकारी समिति शामिल है। दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक पहलू यह है कि सहकारिता विभाग का आज सिर्फ़ एक ही पहलू है ‘ अधिक से अधिक ‘ समाज को गुमराह करना और अराजकता और भ्रष्टाचार फैलाना। आखिर कब तक ‘ बिहार राज्य में सहकारिता विभाग जनता से कोसो दूर रहेगी। ‘ सहकारिता एक महत्वपूर्ण विभाग है, जिसका समाज के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार देना ‘ सबसे प्रथम कार्य है।

 

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