सीएमपीएफ विभाग की मनमानी और सीसीएल के बाबूओं की कार्यप्रणाली मुख्य कारण
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सेन्ट्रल कोलफीड्स लिमिटेड (सीसीएल) के प्रायः सभी कोयला क्षेत्रों में मृत श्रमिक के आश्रित कुव्यवस्था का दंश झेल रहे हैं। मृतक के मृत्यु के बाद उनके आश्रित को लंबे समय तक पावना पैसा का भुगतान के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
जिससे कामगारों में गहरा आक्रोश है। उक्त बातें 14 दिसंबर को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं बेरमो विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार की घटना कथारा कोलियरी में कार्यरत स्वर्गीय अरविंद कुमार सिंह के आश्रित के साथ घटित हो रहा है। उन्होंने बताया कि स्व. अरविंद कुमार सिंह का निधन 13 नवंबर 2021 को हुआ था। इसके अलावा स्व. जगदीश राम गोड का निधन 19 नवंबर 2021 को हुआ था।
दोनों कामगारों के निधन को 1 वर्ष से ऊपर हो चुका है। मृतक के आश्रित सीएमपीएफ की राशि भुगतान के लिए 10 माह से परेशान हैं। ना तो सीसीएल प्रबंधन इस मसले पर गंभीर है और ना ही सीएमपीएफ विभाग। जिसके कारण मृतक के आश्रित में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
उन्होंने बताया कि स्व.अरविंद सिंह अपने जीवित काल में प्रबंधन को सीएमपीएफ में अपनी पत्नी का नाम नॉमिनी के लिए और पीएस-3, पीएस-4 में पेंशन के लिए पत्र प्रेषित कर लिखित आवेदन भी दिये थे, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण आज मृतक के आश्रित परेशानी से जूझ रहे हैं। मृतक के आश्रित पत्नी शीला देवी ने पत्र प्रेषित कर प्रबंधन से न्याय की गुहार लगाई है।
राकोमयू कथारा क्षेत्र के अध्यक्ष व विधायक प्रतिनिधि सिंह ने कहा कि परियोजना पदाधिकारी, कार्मिक प्रबंधक व क्षेत्र के महाप्रबंधक को सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। प्रबंधन अगर गंभीर होकर एक माह के अंदर मृत श्रमिक के आश्रित को न्याय नहीं दिया तो राकोमयू पीड़ित परिवार का आवाज बनकर लंबे संघर्ष का शंखनाद करेगा।
सिंह ने कहा है कि इस प्रकार की घटना सिर्फ और सिर्फ लापरवाही का परिचायक है। पूरे घटनाक्रम ka उच्च स्तरीय जांच हो, अन्यथा दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
क्षेत्रीय अध्यक्ष द्वारा परियोजना, क्षेत्र तथा सीसीएल मुख्यालय रांची को भी पत्र प्रेषित कर पूरे घटनाक्रम की लिखित जानकारी दी है। ऐसे मामले पूरे क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में है। जो गंभीर तथा जांच का विषय है।
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