धांधली व् सिलेबस बदलने के खिलाफ आइसा ने निकाला मशाल जुलूस

आंदोलनरत छात्रों पर आंसू गैस के गोले और लाठी चलवा कर असहमति की आवाज को दवाई नहीं जा सकती – सुनील

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। आइसा (Aisa) के नेतृत्व में रेलवे भर्ती से जुड़े सैकड़ों छात्रों ने आरआरबी एनटीपीसी (RRB NTPC) में व्यापक धांधली, 20 गुना परिणाम जारी करने की घोषणा के बावजूद 4 गुना परिणाम घोषित करने, आदि।

एक ही छात्रों को कई पदों पर रिजल्ट (Result) प्रकाशित करने तथा ग्रुप डी के सिलेबस में बदलाव कर सीबीटी 1 व 2 लेने की तुगलकी फरमान जारी करने, रेलवे में पदों की कटौती करने तथा रेलवे के निजीकरण के खिलाफ शहर के स्टेडियम गोलंबर से 25 जनवरी को मशाल जुलूस निकाला गया।

मशाल जुलूस समाहारण्यालय, बस स्टैंड होते हुए कर्पूरी स्टैचू पर पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता लोकेश राज तथा संचालन राजू झा ने किया।

सभा को संबोधित करते हुए आइसा जिला सचिव सुनील कुमार (AISA district Secretary Sunil Kumar) ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे अभ्यर्थियों के साथ अन्याय कर रही है। वर्ष 2019 के नोटिफिकेशन में 35000 एनटीपीसी के 13 विभिन्न पदों पर नियुक्ति निकाली गई थी।

जिसमें प्रत्येक रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा अलग-अलग 20 गुना रिजल्ट प्रकाशित करने की बात कही गई थी, लेकिन 4 -5 गुना रिजल्ट प्रकाशित कर एक ही छात्रों को कई पदों पर रिजल्ट दी गई है। जिससे हजारों पद खाली रह जाएगी।

वही दूसरी ओर ग्रुप डी परीक्षा फॉर्म (Group D Exam form) भरते वक्त भी छात्रों ने रेलवे ट्रैक पर उतर कर ग्रुप डी के परीक्षा में आईटीआई की डिग्री की बाध्यता के खिलाफ लड़ा था। अभी भी परीक्षा लेने के वक्त लेट लतीफ और परीक्षा के सिलेबस को बदलने के खिलाफ छात्र – युवा आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एवं रेलवे बोर्ड संवेदनहीन बनी हुई है। जिसे छात्र युवा अब बर्दाश्त नहीं करेगी।

छात्र सरकार की चालाकी समझ चुकी है। साजिश के तहद नौकरी नहीं देने एवं पदों में कटौती करने की सरकार की नब्ज़ छात्रो ने पकड़ लिया है। दो करोड़ मोदी सरकार एवं 19 लाख नीतीश सरकार के रोजगार का वादा भी पूरा करना होगा, नहीं तो सत्ता से बेदखल यही छात्र नौजवान करेगा।

आइसा नेताओं ने पटना – आरा में आंदोलनरत छात्रों पर आंसू गैस के गोले एवं लाठीचार्ज की कड़ी भर्त्सना करते कहा कि छात्रों के असहमति की आवाजों को लाठियों के बल से नहीं दवाई जा सकती है। आज केंद्र सरकार या राज्य सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर तुली हुई है, जिसे छात्रों को भी राजनीति में मजबूत दबिश देनी होगी, ताकि हमारा नेतृत्व विधानसभा एवं लोकसभा में रहेगा।

आइसा नेताओं ने राज्य एवं केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि आरआरबी एनटीपीसी के रिवाइज परिणाम पुनः घोषित करने, ग्रुप डी के नए सिलेबस एवं सीबीटी एक तथा 2 लेने की घोषणा वापस करते हुए पुराने सिलेबस के अनुसार परीक्षा आयोजित कर अभिलंब छात्रों को नियुक्ति करने, आदि।

रेलवे के पदों में कटौती एवं निजीकरण पर रोक लगाने तथा भारत के इतिहास ऐतिहासिक स्मारकों में छेड़छाड़ स्थानांतरण पर रोक लगाने की मांग की है। यदि छात्रों की मांग पूरी नहीं की गई, तो छात्रों को गोलबंद कर छात्र संगठन आइसा निर्णायक आंदोलन चलाएगी।

मशाल जुलूस में प्रीति कुमारी, मनीषा कुमारी, द्रक्षा जमीन, जानवी कुमारी, रौशन कुमार, मुकेश राय, गंगा प्रसाद पासवान, रवि रंजन कुमार, सोनू कुशवंशी, प्रेम कुमार, संतोष कुमार, राजा कुमार, अनिल कुमार, अभिषेक कुमार, धर्मेंद्र कुमार, संजीत कुमार, लालू कुमार, शिवम कुमार, रोहित कुमार, दिलीप कुमार, निजी कोचिंग के शिक्षक इत्यादि शामिल थे।

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