पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओडिशा)। ओडिशा सरकार ने पारादीप बंदरगाह के माध्यम से कंटेनरीकृत कार्गो के निर्यात एवं आयात शिपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के लिए मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी (एमएससी) के साथ एक समझौता किया है। समझौते पर 17 फरवरी को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में हस्ताक्षर किए गये हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव एमएसएमई विभाग सास्वत मिश्रा और एमडी एमएससी एजेंसी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड कैप्टन दीपक तिवारी ने मंत्री प्रताप केशरी देब, मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना और ओडिशा सरकार तथा भारत सरकार के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और हितधारकों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए।
जानकारी के अनुसार ओडिशा में स्थित कंपनियां और व्यावसायिक संस्थाएं बड़ी मात्रा में कंटेनरीकृत कार्गो निर्यात और आयात कर रही हैं। वर्तमान में वे इसे लगभग पूरी तरह से ओडिशा के बाहर बंदरगाहों के माध्यम से कर रहे हैं। विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हल्दिया और कर्नाटक के विशाखापट्टनम बंदरगाहों के माध्यम से अतिरिक्त रसद लागत खर्च कर रहे हैं।
जिससे उनका व्यवसाय बहुत कम लाभकारी हो रहा है। इसके अलावा निर्यात, आयात गतिविधि को ओडिशा के बाहर के बंदरगाहों पर स्थानांतरित करने से ओडिशा के अंदर रोजगार सृजन के बड़े अवसर खो रहा था।
पारादीप पोर्ट के माध्यम से होने वाले कंटेनरीकृत कार्गो निर्यात/आयात से ओडिशा के निर्यातकों और आयातकों को उनकी रसद लागत को कम करने में काफी मदद मिलेगी। इससे ओडिशा में बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन भी होगा। पारादीप पोर्ट के माध्यम से आयात और निर्यात से राज्य सरकार के लिए पर्याप्त कर राजस्व भी उत्पन्न होगा।
ज्ञात हो कि एमएससी दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर शिपिंग कंपनी है, जिसकी वैश्विक हिस्सेदारी लगभग 23 प्रतिशत है। इसके फीडर जहाज महीने में दो या तीन बार पारादीप बंदरगाह पर आएंगे। पारादीप बंदरगाह का एक्ज़िम कंटेनर कार्गो कोलंबो से जुड़ा होगा, जहां से एमएससी अपने मूल जहाजों (यानी बड़े जहाजों) में कार्गो को दुनिया के किसी भी हिस्से में ले जाएगा। एक बार जब पारादीप बंदरगाह पर कारोबार बढ़ेगा, तो एमएससी के फीडर जहाज अधिक बार पारादीप बंदरगाह पर आएंगे।
यदि एमएससी को पारादीप में पर्याप्त व्यवसाय नहीं मिलता है, तो ओडिशा सरकार वीजीएफ समझौते के अनुसार एमएससी को मुआवजा देगी। एमएसएमई विभाग ने बीते वर्ष नवंबर 2023 में एक विज्ञापन जारी कर शिपिंग कंपनियों से वीजीएफ प्रस्ताव मांगा था।
इस विज्ञापन पर एमएससी समेत पांच शिपिंग कंपनियों ने प्रतिक्रिया दी थी। वीजीएफ समझौते के लिए एमएससी का चयन किया गया, क्योंकि इसकी वीजीएफ आवश्यकता अन्य चार कंपनियों की तुलना में कम थी। एमएससी द्वारा अगले माह मार्च में पारादीप बंदरगाह से अपनी कंटेनर कार्गो निर्यात/आयात शिपिंग सेवा शुरू करने की संभावना है।
120 total views, 1 views today