वैशाली जिले के किसान बेहाल, धान के बाद रबी फसल भी चौपट

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। गत वर्ष यास तूफान की वजह से भरी बारिश से वैशाली जिले (Vaishali district) के सभी चंवर चाचर पानी से भर गया। फिर वर्षा के मौसम में अत्यधिक वर्षा की वजह से जिले के 75 प्रतिशत भू-भाग पानी से डुब गए। जिले में 10 प्रतिशत भी धान की रोपनी नही हुई ओर चौर चाचर अब भी पानी से भरा हुआ है।

चौर से जल निकासी के लिए जो भी नहर नाला था उसकी वर्षो से उड़ाही नही हुई है। जिस वजह से वैशाली जिला के हद में पहेतिया, मरमल्ला, मलाही, धनुखी, टाडा, उफरौल इत्यादि चौर अभी भी झील बना हुआ है। जिस वजह से वैशाली जिले के 20 प्रतिशत हिस्से में रबी का फसल लगा है।

धान और रबी की बुआई नही होने से वैशाली जिले के किसान फटेहाल हो गए है। कृषक परिवार के युवा और कृषक मजदुर रोटी के लिये गुजरात, पंजाब, महाराष्ट आदि राज्य पलायन कर रहे हैं। सरकार की ओर से चौर से जल निकासी के लिये कोई कदम नही उठाया जा रहा है।

वैशाली जिले के किसानों की उपरोक्त समस्या को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल जिला कांग्रेस के अध्यक्ष महेश राय के नेतृत्व में दिग्विजय नारायण सिंह, रणजीत पण्डित, मुकेश रंजन अधिवक्त, अनिल कुमार चौधरी, आदि।

युवराज सुनील सिंह ने 11 फरवरी को वैशाली जिला पदाधिकारी को एक मांग पत्र सौंपा और जिले के चौर से जल निकासी की अबिलम्ब व्यवस्था का अनुरोध किया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि सरकार द्वारा अविलंब कार्य शुरू नहीं किये जाने पर दल द्वारा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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