सीएम के हाई लेवल मीटिंग के बाद जिला प्रशासन बरत रहा सख्ती

डीएम वैशाली ने शराब के धंधे से जुड़े लोगों पर नकेल कसने के दिए निर्देश

एसडीपीओ हाजीपुर और महुआ ने उपलब्धि बताई

संतोषकुमार/वैशाली (बिहार)। शराब और उसके धंधे के साथ साथ आजकल इनपर चल रही पुलिसिया प्रशासनिक कार्रवाईयों की चर्चा काफी प्रमुखता से हो रही है। इसी कड़ी में बीते माह 16 नवंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। ऊसका असर अब राज्य के सभी जिलों पर दिखने लगा है।

इसे लेकर वैशाली जिला प्रशासन द्वारा समाहरणालय सभा कक्ष में 2 दिसंबर को समीक्षा बैठक बुलाई गई। उसके निहितार्थ ये संकेत देते दिखे कि अगर शराब का सेवन किए और उसके धंधे से किसी रूप में जुड़े पकड़े गए तो मुसीबत ही मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।

मालूम हो कि वैशाली के जिलाधिकारी उदिता सिंह की मौजूदगी में आयोजित समीक्षा के क्रम में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बीते 16 नवंबर की मीटिंग के बाद हुई तेज कार्यवाहियों का संकेत दिया। साथ ही उसकी पुष्टि करने वाले आंकड़े भी दिखाए।

हालांकि इन आंकड़ों से यह तो निश्चित नहीं कहा जा सकता कि जिले के शराब माफियाओं को पूरी तरह से शिकस्त दे दिया गया है। लेकिन यह जरूर संभावित है कि आगेशराब के धंधेबाजों का सामना अगर पुलिस और प्रशासन से हुआ तो उनके लिए यह बेहद सख्त मंजर होगा।

शराब के अवैध धंधे को पूरी तरह से जिले मे ग्रहण लगा देने के संकल्पों के साथ 2 दिसंबर को समाहरणालय वैशाली के सभागार में हुई समीक्षा बैठक के क्रम में जिलाधिकारी उदिता सिंह के काफी सख्त तेवर दिखे। जिलाधिकारी सिंह ने इसकी पुष्टि अपने उन निर्देशों से स्पष्ट भी किया जो उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को दिए।

जिसमें डीएम सिंह ने कहा कि ब्रेथ एनेलाएजर के साथ महुआ, राघोपुर, बिदुपुर, महनार, जन्दाहा, लालगंज के अलावा जेपी सेतु और गांधी सेतु के बॉर्डर इलाकों की निगरानी सघन वाहन चेकिंग के साथ करें। इस अवसर पर हाजीपुर और महुआ के अनुमंडल पुलिस अधिकारियों द्वारा कई उपलब्धि प्रस्तुत किया गया।

इसके अलावा अधीक्षक मद्द निषेध की भी 16 नवंबर के बाद की उपलब्धियों की समीक्षा की गयी। जिसमें प्रगति निराशाजनक रही। फिर भी अधीक्षक मद्द निषेध ने बताया कि विभागीय प्रयास तेज कर दिया गया है।

पुलिस की गिरफ्तारियों के आंकड़े के मुकाबले मद निषेध के आंकड़े कम रहे। जहां 16 नवम्बर के बाद पुलिस ने 111 छापेमारी में 125 को दबोचे। वहीं मद निषेध ने 106 छापेमारी में सिर्फ 6 को ही पकड़ने में सफलता हासिल किया।

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