ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। सरकार (Government) द्वारा कोर्ट फीस में वृद्धि को लेकर अधिवक्ताओं में उबाल देखा जा रहा है। इसे लेकर 20 जुलाई को बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में तेनुघाट के अधिवक्ता संघ भवन में एक बैठक किया गया। अध्यक्षता अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कामेश्वर मिश्रा ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष मिश्रा ने कहा कि कोर्ट फीस में जो वृद्धि हुई है वह बिल्कुल ही गलत हुई है। क्योंकि झारखंड (Jharkhand) एक पिछड़ा और गरीब राज्य है।
खनिज संपदा से भरपूर होने के बावजूद भी यहां के ज्यादातर लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे राज्य में अचानक 200 प्रतिशत की वृद्धि कर देना अनुचित है। इसका असर यहां के रहिवासी जिसका मुकदमा न्यायालय में चल रहा है उस पर ही पड़ेगा। साथ हीं इसका दुष्प्रभाव अधिवक्ता पर भी पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि हम संघ के सदस्यों द्वारा बैठक के माध्यम से इसका विरोध करते है। जिसको झारखंड सरकार (Jharkhand Government) तक पहुंचाएंगे, ताकि बढ़े हुए दामों में कमी हो। जिससे मुवक्किल को राहत मिले। अधिवक्ता संघ के महासचिव वकील प्रसाद महतो ने कहा कि जब मुवक्कील न्यायालय में नहीं आते हैं तो अधिवक्ता अपने खर्च पर न्यायालय शुल्क जमा कर मुवक्किल की हाजिरी देते हैं।
जिसमें पहले 5 रूपए का न्यायालय शुल्क देना पड़ता था, अब 20 रूपए का न्यायालय शुल्क देना पड़ेगा। वहीं नकल निकालने में भी मुवक्किल को अधिक न्यायालय शुल्क देना पड़ेगा। किसी भी प्रदेश में इतनी ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। इस बढ़ोतरी से पूर्व सरकार को अधिवक्ता संघ से भी बात कर लेना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि लोग न्यायालय की शरण में आते हैं। उन्हें सुलभ और सस्ता न्याय मिले। अगर न्यायालय शुल्क महंगा होगा तो गरीब को न्याय कैसे मिलेगा।
बैठक में बद्री नारायण पोद्दार, अवधेश कुमार मिश्रा, पवन कुमार, डी एन तिवारी, जगदीश मिस्त्री, नवीन कुमार सिन्हा, सुभाष कटरियार, रविंद्र नाथ बोस, धर्मवीर कुमार जयसवाल, बिनोद कुमार गुप्ता, तेजू करमाली, प्रशांत पाल आदि मौजूद थे।
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