वन विभाग के सारंडा में संचालित विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप
प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने घूसखोरी के आरोप में पश्चिमी सिंहभूम जिला (West Singhbhum District) के हद में मनोहरपुर के रेंजर विजय कुमार को गिरफ्तार किया है।
इनपर लकड़ी माफियाओं के साथ मिलकर सारंडा जंगल से बडे़ पैमाने पर लकड़ी तस्करी के अलावे वन विभाग द्वारा सारंडा में संचालित विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगता रहा है।
हालांकि उनके खिलाफ पुख्ता प्रमाण नहीं मिलने की वजह से वे हमेशा बच जाते थे। विगत नौ फरवरी को वन विभाग की टीम ने कोयना रेंज के हद में कुम्बिया के जोजोदा जंगलों से भारी पैमाने पर तस्करी के लिये काटे गए बडे़-बडे़ पेड़ों को जब्त किया था।
उक्त जंगल में पेड़ों की कटाई और उसे साइज बोटा बनाने का कार्य अत्याधुनिक मशीन से किया जा रहा था। सारंडा के तमाम रेंज के गांवों में वन विभाग ने वन मित्र का गठन किया है। इसके अलावे विभिन्न बीट और जंगलों में फॉरेस्ट गार्ड की तैनाती है।
सूत्रों के अनुसार वन विभाग (Forest department) के कुछ लोगों का बेहतर संबंध लकड़ी माफियाओं के साथ है। इनकी सहमति अथवा आदेश पर ही सारंडा के विभिन्न जंगलों में वाहन घुसाकर लकड़ी की तस्करी रात में होती है। अधिकारी करोड़ों रुपए का फंड हजम कर जाते हैं।
दूसरी ओर, वन विभाग तमाम रेंज क्षेत्र में प्लांटेशन, स्ट्रेंच कटिंग आदि कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का फंड देती है। वन विभाग के कुछ अधिकारी इस फंड को योजनाबद्ध तरीके से हजम कर जाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि ऐसी योजनाओं को कराने के नाम पर ये अधिकारी जंगल गांव के कुछ मजदूरों को अपने विश्वास में लेकर उन्हें थोड़ा लाभ देकर उनसे गांव के दर्जनों लोगों का आधार कार्ड और पासबुक लेकर योजना का पैसा बतौर मजदूरी उनके खाते में ट्रांसफर करते हैं।
अगले दिन पासबुक (Passbook) वाले सभी ग्रामीणों को बुलाकर उन्हें बैंक भेज पूरे पैसे की निकासी करवा कर खाताधारी को कुछ पैसे दे देते हैं। यह खेल सारंडा के विभिन्न रेंज में वर्षों से जारी है। अगर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की गई तो यह भ्रष्टाचार का मामला चारा घोटाला से भी बड़ा घोटाला निकलेगा।
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