सोनपुर मंडल की अनोखी पहल, लाल गाड़ी से टिकट जांच शुरु

बेटिकट यात्रियों में हड़कंप, टिकट काउंटर पर टिकट बिक्री में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के हद में सोनपुर रेल मंडल ने टिकट निरीक्षण को लेकर एक अभिनव एवं प्रभावशाली पहल की शुरुआत की है। लाल टिकट चेकिंग गाड़ी नामक इस विशेष अभियान के तहत मंडल ने एक लाल रंग वाली टिकट चेकिंग ट्रेन विशेष टिकट जांच ट्रेन लाल गाड़ी को परिचालन में लाकर यात्रियों में चेतना और अनुशासन का वातावरण उत्पन्न किया है।

इस विशेष ट्रेन के निरीक्षण में कुल 45 सदस्यों की टीमें तैनात की गई है, जिनमें 25 टिकट निरीक्षक (टीटीई) और 15 आरपीएफ, निरीक्षक एवं रेल अधिकारी शामिल है।
सोनपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोशन कुमार द्वारा इस इस बड़े स्तर के अभियान का नेतृत्व एवं शुरुआत मुजफ्फरपुर से हाजीपुर खंड के बीच की गई, जो सोनपुर मंडल का अत्यंत व्यस्त खंड है। लाल गाड़ी के माध्यम से इस मार्ग पर गहन टिकट जांच अभियान चलाया गया।

इस दौरान तुर्की, कुड़हन्नी, रामदयालु नगर, गोरौल, भगवानपुर, बिठौली, सराय, हाजीपुर, घोसवार समेत सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर औचक जांच की गई। इस विशेष ट्रेन के निरीक्षण में कुल 45 सदस्यों की टीमें तैनात की गई थीं, जिनमें 25 टिकट निरीक्षक (टीटीई) और 15 आरपीएफ, निरीक्षक एवं रेल अधिकारी शामिल थे। जांच दल का उद्देश्य बिना टिकट यात्रा करने वालों पर प्रभावी रोकथाम लगाना और यात्रियों में टिकट के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। अभियान के दौरान 435 बिना टिकट मामलों का पता चला, जिससे 1.3 लाख रुपये का रेल राजस्व अर्जित हुआ।

सोनपुर रेल मंडल के पीआरआई रामप्रताप सिंह ने 2 मई को उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस पहल का सीधा सकारात्मक प्रभाव यात्रियों के व्यवहार में देखा गया। टिकट विंडो पर टिकट खरीद में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो यात्रियों में टिकट खरीदने की प्रवृत्ति में बदलाव का संकेत है। उन्होंने बताया कि मंडल प्रशासन का मानना है कि यह जागरूकता और सख्ती का परिणाम है, जो आगे भी जारी रहेगा।

रेल प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे बिना टिकट यात्रा न करें और समय पर वैध टिकट लेकर ही यात्रा करें। साथ ही यात्रियों को दलालों एवं भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों से सतर्क रहने की सलाह दी गई। कहा गया कि बिना टिकट पाए जाने पर यात्रियों को न केवल जुर्माना भरना पड़ता है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें रेलवे मजिस्ट्रेट के समक्ष भी प्रस्तुत किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि लाल गाड़ी अभियान न केवल एक प्रतीकात्मक चेतावनी है, बल्कि यह सोनपुर मंडल के अनुशासित, जवाबदेह और ईमानदार परिवहन व्यवस्था की दिशा में बड़ी पहल है।

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