हरी कुंज टू की होली में दिखा सद्भावना का अनूठा संगम

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। प्रेम और भाईचारे का पावन पर्व है होली, चेंबूर के सिंधी सोसायटी के हरी कुंज दो के रहिवासियों ने जम कर होली खेली और पकवानों का स्वाद भी लिया।

होली के हुड़दंग में समाया हरीकुंज सोसायटी पार्ट टू में बच्चे बूढ़े और जवान सभी ने रंग और गुलाल से एक दूसरे को आपसी भाई चारे और प्रेम का संदेश दिया। चेंबूर, सिंधी सोसायटी स्थित हरी कुंज टू के चेयरमैन जितेंद्र नेवगी व सक्रिय सदस्य मयूर मोटवानी ने बताया कि कोरोनाकाल को छोड़ कर हमारे यहां हर साल सरकारी नियमों को ध्यान में रखते हुए होली महोत्सव मनाया जाता है।

गौरतलब है कि प्रेम और सद्भावना का अनूठा महापर्व होली के दिन चेंबूर के सिंधी सोसायटी स्थित हरी कुंज दो के रहिवासियों ने जम कर होली खेली। होली का त्यौहार सनातन धर्म का वह मुख्य त्यौहार है जिसको प्रत्येक भारतीय नागरिकों द्वारा उत्साह, उमंग के साथ बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हैं। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष “बसंत ऋतु के फाल्गुन मास में पूर्णिमा” को मनाया जाता है।

होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार है जिसे विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ उमंग के साथ मनाया जाता है। यह सनातन धर्म का प्राचीन पर्व है, होली के त्यौहार मनाने के पीछे भी एक धार्मिक कहानी का रहस्य छुपा हुआ है। यह कहानी राक्षस राजा हिरन कश्यप और उनके बेटे प्रहलाद के नाम से विख्यात है। राक्षस राजा हिरन कश्यप स्वयं को ईश्वर मानता था वह भगवान् विष्णु जी के प्रतिरोधी थे।

 357 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *