एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बीते एक सप्ताह से बोकारो जिला के हद में कथारा वस्ती, झिड़की तथा असनापानी के जंगलो में आश्रय जमाये जंगली हाथियों का समूह 14 नवंबर को कथारा से सटे जारंगडीह की जंगल में पहुंचकर डेरा जमा लिया है।
जंगली हाथियों के आने की खबर के बाद से हीं जारंगडीह तथा आसपास के लगभग दस हजार की आबादी हलकान है। जंगली हाथियों की संख्या लगभग 25 से तीस बतायी जा रही है।
जानकारी के अनुसार बीते 9 नवंबर से हाथियों का समूह सर्वप्रथम बोकारो जिला के हद में पेटरवार प्रखंड के चांपी स्थित दामोदर नदी पार कर गोमियां प्रखंड के हद में कथारा के असनापानी तथा रेलवे कॉलोनी के जंगलो में पहुंचा।
दूसरे दिन 10 नवंबर को हाथियों का समूह यहां से झिड़की तथा सरहचिया के जंगल में जा पहुंचा। इस दौरान जंगली हाथियों का समूह रास्ते में पड़ने वाले खेतो में लगे फसलों को पुरी तरह तहस नहस कर दिया। पुनः हाथियों का समूह 11 नवंबर की रात्रि असनापानी के जंगल में वापस लौट आया और रांची से अपनी बहन के रेलवे कॉलोनी स्थित आवास आये बिरजा मुंडा को अपना शिकार बनाया।
दूसरे दिन 12-13 नवंबर की रात्रि हांथीयो का समूह कथारा वस्ती तथा रेलवे कॉलोनी की जंगलो में जा पहुंचा। यहां हाथियों के समूह ने स्थानीय किसानों द्वारा लगाये गये धान की फसल को पुरी तरह बर्बाद कर दिया। संध्या में वन विभाग तथा स्थानीय कथारा ओपी प्रभारी की सक्रियता के कारण कोई जानी नुकसान नहीं हो पाया।
बताया जाता है कि वन विभाग हाथियों के लिए सेफ पैसेज बनाने के लिए 13 नवंबर की संध्या एड़ी चोटी का जोर लगाते रहे बावजूद इसके कथारा फुसरो मुख्य मार्ग होने के कारण छोटे बड़े वाहनों की लगातार आवजाही के कारण हाथियों का समूह सड़क पार नहीं कर बेरमो प्रखंड के हद में जारंगडीह के जंगल में चला गया।
स्थानीय गायत्री कॉलोनी तथा जारंगडीह के रहिवासियों के अनुसार यहां हाथियों के समूह के आने की सूचना के बाद से रहिवासी भयग्रस्त हो गये और खासकर खटालो में अपने मवेशियों की सुरक्षा को लेकर हलकान रहे।
बताया जाता है कि जंगली हाथियों का समूह दिनभर जारंगडीह स्थित आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा गिराए जा रहे ओबी डंपिंग के समीप के जंगलो में आश्रय जमाये रहा। इस दौरान हाथियों के समूह ने सावित्री कॉलोनी निवासी मो. मुबारक तथा अब्दुल गनी के खेतो में लगे फसलों को पुरी तरह बर्बाद कर दिया।
संध्या में बेरमो वन विभाग की टीम तथा बोकारो थर्मल थाना के सहायक अवर निरीक्षक अनुप नारायण सिंह के अथक प्रयासों के बाद जंगली हाथियों का समूह कोनार नदी मार्ग की जंगलो में जाने के बजाय पुनः असनापानी तथा जारंगडीह पांच नंबर भूमिगत खदान मार्ग से दामोदर नदी की ओर सरक गया।
इस दौरान समूह से दो हाथी जारंगडीह के रिहायसी इलाका अपर बंगला कॉलोनी की तरफ देखा गया। जिसकी सूचना वन विभाग को दे दी गयी है।
जंगली हाथियों के समूह से बिछड़कर अलग हुए दो हाथियों के जारंगडीह में ही रहने की सूचना के बाद से स्थानीय रहिवासी किसी अनहोनी की आशंका से भयग्रस्त हैं और रात भर रतजगा करने को बाध्य हैं। ऐसे में प्रशासनिक महकमा को अब और सक्रियता दिखाने की जरूरत है।
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