एस. पी. सक्सेना/मुजफ्फरपुर (बिहार)। मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन के समीप स्थित जिला परिसर सभागार में 26 मार्च को एक दिवसीय बज्जिका महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। यहां तीन सत्र में क्रमश: संवाद, लोकनृत्य एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। लोक भाषा बज्जिका के कवि कवयित्री द्वारा विभिन्न विषयों पर कविता पाठ कर क्षेत्र की सभ्यता और संस्कृति से उपस्थित जनों को अवगत कराया।
उक्त जानकारी देते हुए मुजफ्फरपुर की युवा कवियित्री सविता राज ने बताया कि बज्जिका महोत्सव का उद्धाटन विधिवत दीप प्रज्वलित कर मुजफ्फरपुर के उप विकास अयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, जिला सहायक कोषागार अधिकारी वैसुर रहमान अंसारी, वरीय उप समाहर्ता जूली पांडेय, निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण संजय कुमार, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सुष्मिता कुमारी, साहित्यकार चितरंजन सिन्हा कनक, डॉ राम प्रवेश सिंह, देवेन्द्र राकेश, डाॅ शारदा चरण, आचार्य चन्द्र किशोर पाराशर ने संयुक्त रूप से किया।
बज्जिका महोत्सव के प्रथम सत्र में वक्ता के रूप में चन्द्र किशोर पाराशर ने स्वतंत्रता आंदोलन में बज्जि समाज के योगदान पर प्रकाश डाला। उदय नारायण सिन्हा ने बज्जिका भाषा के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। विनोद कुमार सिन्हा ने भाषा विज्ञान, आगम-निगम शब्दों के निर्माण पर जोर दिया एवं उत्तरोत्तर साहित्य के विकास पर प्रकाश डाला। डाॅ शारदा चरण ने ध्वनि एवं ध्वनि चिन्हों शब्दों, वाक्यों एव बज्जिका के व्याकरण पर प्रकाश डाला। डाॅ राम प्रवेश सिंह ने लोक भाषा के रूप में बज्जिका के जन संवाद के महत्व पर जोर दिया।
अंत में अध्यक्ष उदगार के साथ डाॅ चितरंजन सिन्हा कनक ने पहली बार बज्जिका महोत्सव के आयोजन पर हर्ष व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन मुजफ्फरपुर एवं जिला कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को साधुवाद दिया। उन्होंने भाषा के विकास में इस तरह के आयोजनों को महत्वपूर्ण बताया।
बज्जिका महोत्सव के दूसरे सत्र में स्वर्णिम कला केंद्र के बच्चियों द्वारा झिझिया, सामा चकेवा, कजरी और झूमर की बेह्तरीन प्रस्तुति की गयी। वक्ताओं द्वारा बिहार की लोकनृत्य की अच्छी प्रस्तुति की प्रशंसा की गई।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में बज्जिका भाषा के लोक कवि एवं कवयित्री ने बज्जिका भाषा में अपनी कविता प्रस्तुत की, जिसमें प्रमुख रूप से अमिताभ कुमार सिन्हा, विद्या चौधरी, मणि भूषण प्रसाद सिंह अकेला, प्रेम कुमार वर्मा, डाॅ सोनी, सविता राज, हेमा सिंह, गौरीशंकर भगत, अवधेश तृषित, सतीश चंद्र भगत, कामेश्वर मिश्र घुमक्कड़, प्रमोद नारायण मिश्र, डाॅ हरि किशोर प्रसाद सिंह, डाॅ हरि नारायण सिंह, डाॅ उषा किरण श्रीवास्तव आदि शामिल थे।
जबकि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार जिनके द्वारा पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई, जो मुख्य आकर्षण का केंद्र था। इनसे जुड़े अन्य कलाकारों मे अनीता सिंह, ज्योति चौरसिया, नीतू सिंह, संजू देवी, विभा देवी, कीर्ति देवी, मुस्कान, राजेश मिश्रा, कंचन प्रकाश मौजूद रहें। इस महोत्सव में प्रो. हंस लाल साह द्वारा बज्जिका पुस्तक का स्टॉल लगाया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन बज्जिका भाषा में गोपाल फलक ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सुष्मिता कुमारी द्वारा किया गया।
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