अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में लगी भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की प्रदर्शनी में प्रदर्शित पोस्टरों में भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रुप में चित्रित किया गया है।
बताया जाता है कि उक्त प्रदर्शनी में नए भारत की नई तस्वीर की झलक मिल रही है। पोस्टरों में भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख इकोनॉमी और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया गया है।
प्रदर्शनी में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्ववाली एनडीए सरकार के 9 साल सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण का पोस्टर दर्शनीय है। भारत की जनता के धैर्य और मनोबल को पुष्ट करती प्रधानमंत्री मोदी की यह लिखित वाणी ये दशक और आनेवाले 25 साल भारत को लेकर अभूतपूर्व विश्वास के हैं।
सबके प्रयास से ही भारत अपने लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त करेगा। प्रदर्शनी में पीएम मोदी के शासन काल में की गई देशवासियों की 9 साल सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण का वृहद रुप से जानकारी प्रदर्शित की गई है।
प्रदर्शनी में वितरित हो रही पर्चों में भी केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार की जनपयोगी योजनाओं के क्रियान्वयन और भावी योजनाओं की जानकारी मिलती है। इस प्रदर्शनी में भारत सरकार की उपलब्धियों को बखूबी दर्शाया गया है।
एक ओर जहां पड़ोसी देश पाकिस्तान समेत अनेक देश आर्थिक कंगाली तक पहुंच गए हैं, वहीं एक राष्ट्र एक बाजार एक कर का श्लोगन आर्थिक रुप से सशक्त भारत का बोध करा रहा है। भारत के इतिहास में सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार हुआ।
देश भर में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक समान कर लागू किया गया है। करों की भिन्नता और व्यापक प्रभावों की समाप्ति की गई। अप्रैल 2023 तक जीएसटी संग्रह 1.87 लाख करोड़ रूपये हो गया जो अब तक का सर्वाधिक जीएसटी संग्रह है।
भारत को एक निवेश अनुकूल गंतव्य बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को भारी बढ़ावा दिया गया। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की सीमा बढ़ी है। इन्वेस्ट इंडिया प्लेटफार्म विदेशी निवेश के लिए एक ही स्थान पर समाधान की व्यवस्था की गई है। पिछले 2006 से 14 के दशक और 2014 से 23 के दशक की कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आगमन
(बिलियन अमेरिकी डॉलर में) पर तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो जहां वर्ष 2006 से 14 के दशक में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आगमन 289 बिलियन अमरीकी डॉलर था वहीं 2014 से 23 के दौरान यह बढ़कर 578 बिलियन डॉलर हो गया जो 82 प्रतिशत अधिक है। अगर इस पर वार्षिक दृष्टि से नजर डालेंगे तो 2013 से 14 में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आगमन 36 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जो वर्ष 2021 से 22 में पहुंचकर 85 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया।
इस दौरान आत्म निर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए खरीद में पारदर्शिता लाई गई। सार्वजनिक खरीद को कारगर बनाने के लिए डिजिटल गवर्नमेंट टू बिजनेस (जी 2 बी) प्लेटफार्म लांच किया गया। इस दौरान कुल 5.5 मिलियन विक्रेताओं से 3 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 4.3 मिलियन उत्पादों की खरीदगी की गई।
प्रदर्शनी में मेला दर्शकों को बताया जा रहा है कि जहां अप्रैल 2023 सर्वाधिक जीएसटी संग्रह के लिए चर्चित हुआ, वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में सर्वाधिक निर्यात भी हुआ। जबकि वर्ष 22 में सर्वाधिक डिजिटल लेनदेन हुआ। इसी वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक माल लोडिंग भी हुई। इसे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्ववाली एनडीए सरकार के रिकार्ड तोड़ने वाला वर्ष बताया गया।
निर्यात रिकॉर्ड को तोड़ता विनिर्माण पावर हाउस की झलक के साथ 2022- 23 में पहली बार वस्तुओं का निर्यात 447 अरब डॉलर से अधिक हो गया। वित्त वर्ष 2022 -23 में 2021- 22 के मुकाबले इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।
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