पीयूष पाण्डेय/बड़बिल (ओड़िशा)। हाथियों की मौत को रोकने में वन विभाग विफल साबित हो रहा है। इससे अब क्योंझर जिले से हाथी गायब हो रहे हैं।
यह गहन चिंता का विषय है कि लगातार हो रहे खनन, वनों की कटाई और लौह अयस्क का परिवहन करने वाले मालवाहक ट्रेन चालक के लापरवाह व्यवहार के कारण लगातार ट्रेन की टक्कर से हाथियों की मौत हो रही है। बताया जाता है कि एक सप्ताह में दो-दो हाथियों की मौत ने पर्यावरणविदों को चौंका दिया है।
दो दिन पहले एक बीमार हाथी के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वहीं 25 अक्टूबर की सुबह चंपुआ रेंज के उचबली के समीप रेल लाइन पार करने के दौरान एक मालगाड़ी ने हाथी को टक्कर मार दी। मालगाड़ी की टक्कर के बाद पेड़ पर से गिरने के बाद मादा हाथी की मौके पर ही मौत हो गया।
बताया जाता है कि उक्त रेल दुर्घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचकर घटना की जांच शुरू की। ज्ञात हो कि, वन्य जीवों तथा वनो की रक्षा को लेकर वन विभाग के कर्मचारी 24 घंटे वन क्षेत्र में पहरा दे रहे हैं। बावजूद इसके लगातार हो रही ऐसी दुर्घटनाओं ने वन विभाग को परेशानी में डाल दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वन विभाग द्वारा खनन विभाग से पैसा लेकर गहरी नींद में सोया हुआ है। यदि इस सिलसिलेवार हाथियों की मौत को रोका न गया तो आने वाले समय में क्योंझर जिले से हाथी बिलुप्त हो जाएगी। हमारी आने वाली पीढ़ी सिर्फ चित्रों में हाथियों को देखेगी। सरकार को वन विभाग को और चुस्त एवं दुरुस्त बनाना होगा और वन कर्मियों की जबाव देही तय करनी होगी।
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