महाशिवरात्रि पर निकली भव्य झांकी, शिवालयों में भक्तों की लगी रही भीड़

महाप्रबंधक ने शिव-पार्वती को तिलक लगाकर शिव बारात को किया विदा

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 26 फरवरी को संपूर्ण बोकारो जिला के शिवालयों में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ लगी रही। इस अवसर पर कई जगहों पर शिव बारात की झाँकियां निकाली गयी। शिव भक्तों ने जमकर आतिशबाजी की, जबकि शिव बारात नगर भ्रमण कर शिव मंदिर पहुंचा, जहाँ रात्रि पहर में विवाहोत्सव का आयोजन किया गया।

जानकारी के अनुसार महाशिवरात्रि के अवसर पर बोकारो जिला के हद में गायत्री कॉलोनी कथारा में संध्या बेला बैंड बाजा के साथ शिव बारात निकाली गयी। शिव बारात यहां से राशियन कॉलोनी, स्टॉफ कॉलोनी मार्ग से कथारा मोड़ शिव मंदिर पहुंचा। जहाँ उपस्थित शिवभक्तो ने बारात की आगवानी की तथा रात्रि में शिव-पार्वती विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इससे पूर्व गायत्री कॉलोनी के समीप मानस रूपी शिव-पार्वती को सीसीएल कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार ने तिलक चंदन लगाकर आरती वंदन किया। मौके पर क्षेत्र के समाजसेवी राजेश शर्मा, शशिभूषण ओझा, बीएन मिश्रा, राजू पांडेय, सोनू सहित सैकड़ो महिला पुरुष व् बच्चे उपस्थित थे।
इसके अलावा कथारा चार नंबर स्थित योगेश्वर नाथ महादेव मंदिर मे महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाया गया। यहां सुबह से ही शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान भोले नाथ को जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की।

कथारा चार नंबर मंदिर में विशेष पूजा व रूद्राभिषेक में बड़ी संख्या में श्रद्धालूगण शामिल हुए। शाम में क्षेत्र के कई शिवालयों में भोलेनाथ का श्रृंगार किया गया। कथारा चार नम्बर शिव मंदिर में देर शाम भोलेनाथ की बारात निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ महिला-पुरुष व बच्चे बड़ी संख्या में शिव बारात में शामिल हुए। विभिन्न कॉलोनियों का भ्रमण करने के बाद बारात वापस शिव मंदिर प्रागण में वापस लौटी, जहाँ रात्रि में शिव विवाह का आयोजन किया गया।

कथारा चार नंबर मंदिर के मुख्य पुजारी गुप्तेश्वर पांडेय ने शिवरात्रि के बारे मे बताया कि भगवान आशुतोष को सत्यम शिवम सुंदर कहा जाता है। भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। उन्होंने कहा कि देवाधिदेव भोलेनाथ को प्रसन्न करने का ही महापर्व है शिवरात्रि, जिसे त्रयोदशी तिथि फाल्गुण मास, कृष्ण पक्ष की तिथि को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व की विशेषता है कि सनातन धर्म के सभी प्रेमी इस त्योहार को मनाते हैं।

पुजारी पांडेय के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भक्त जप, तप और व्रत रखते हैं। इस दिन भगवान के शिवलिंग रूप के दर्शन करते हैं। इस पवित्र दिन पर देश के हर हिस्सों में शिवालयों में बेल पत्र, धतूरा, दूध, दही, शर्करा आदि से शिवजी का अभिषेक किया जाता है। देश भर में महाशिवरात्रि को एक महोत्सव के रुप में मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन देवों के देव महादेव का विवाह हुआ था।

बताया कि हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रदोषकाल यानि सूर्यास्त होने के बाद रात्रि होने के मध्य की अवधि सूर्यास्त होने के बाद के 2 घंटे 24 मिनट की अवधि प्रदोष काल कहलाती है। इसी समय भगवान आशुतोष प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते है। इसी समय सर्वजनप्रिय भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यही वजह है, कि प्रदोषकाल में शिव पूजा या शिवरात्रि में औघड़दानी भगवान शिव का जागरण करना विशेष कल्याणकारी कहा गया है। हमारे सनातन धर्म में 12 ज्योतिर्लिंग का वर्णन है।

कहा जाता है कि प्रदोष काल में महाशिवरात्रि तिथि में ही सभी ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव हुआ। महाशिवरात्रि के अवसर पर कथारा मोड़ शिव मंदिर, कथारा चार नम्बर, महली बांध, बांध बस्ती, कथारा एक नम्बर सहित अन्य शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जो शाम तक जारी रही।

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