शक पर परिजनो ने पुलिस बुलाया फिर लाश निकाला गया बाहर
घटना की जांच कर चिकित्सक पर हो कार्रवाई अन्यथा होगा आंदोलन-सुरेंद्र
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर के एक निजी अस्पताल द्वारा ईलाज के नाम पर दो दिन से रोगी की लाश को आईसीयू में रखे रहा। परिजनों को रोगी से नहीं मिलने दिया जाता था। शक होने पर परिजनों ने नगर पुलिस को बुलाया, इसके बाद आईसीयू खोलवाने पर मामले का खुलासा हुआ और पुलिस द्वारा रोगी का शव बरामद किया गया।
मामला समस्तीपुर शहर के मोहनपुर रोड स्थित डॉ प्रभाकर कुमार एवं डॉ गुड्डी कुमारी द्वारा संचालित रेणू ईमरजेंसी अस्पताल का है, जहाँ पारिवारिक कलह से बीमार गोपालपुर ( कल्याणपुर) के इंद्रजीत कुमार की 20 वर्षीय पत्नी प्रिति कुमारी को 3 जून को भर्ती कराया गया था।
परिजनों ने बताया कि चिकित्सक की लापरवाही से रोगी की स्थिति बिगड़ती चली गई। अंततः बीते 5 जून को रोगी की मृत्यु हो गई। अस्पताल द्वारा भारी भरकम बिल बनाने की मंशा को लेकर परिजनों से रोगी की मृत्यु को छिपाया गया। बताया जाता है कि परिजनों को अस्पताल के बाउंसर द्वारा रोगी को देखने नहीं दिया जाता था।
जब रोगी के घर से 6 जून को परिजन जुटकर आये फिर भी रोगी से मिलने नही दिया गया। इसी बीच चिकित्सक ने 98 हजार का बिल थमाकर पैसा जमा करने को कहा। शक होने पर हो- हंगामा पर उतारु परिजनो ने नगर पुलिस को घटना की जानकारी दी।
बताया जाता है कि नगर पुलिस अस्पताल पहु़ंचकर आईसीयू खोलकर देखा तो पुलिस द्वारा रोगी का शव बरामद किया गया। तबतक मौके से चिकित्सक, दवा दुकानदार, कंपाउंडर आदि फरार हो गया। घटना की सूचना पाकर आक्रोशित परिजनों द्वारा स्थानीय रहिवासियों को ईकट्ठा कर चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। नगर पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया।
मौके पर भाकपा माले स्थायी समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में ऐसी घटना की लगातार शिकायत मिलती रहती है। उन्होंने कहा कि मृतक का शव जप्त कर 98 हजार रूपये वसूलना मानवता को शर्मशार करने वाली घटना है। माले नेता ने जिला प्रशासन से मामले की जाँच कर कार्रवाई की मांग की है, अन्यथा आंदोलन चलाने की घोषणा की है।
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