भारत बंद में 25 सितंबर को सड़क पर उतरेगा नौजवानों को जत्था

निजीकरण कर रोजगार के अवसर में कटौती के खिलाफ युवाओं में आक्रोश-धीरेंद्र

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। प्रति वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का सब्जबाग दिखाकर सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने इस वादे को जुमला बताने में तनिक भी देर नहीं की।

इतना ही नहीं बल्कि केंद्र की मोदी सरकार Modi government)  देश के करीब तमाम धरोहर एवं सरकारी संस्थान को निजी लाभ के लिए औने- पौने कीमत में बेच दी। बचे कुछेक संस्थानों का भी तेजी से निजीकरण किया जा रहा है।

उक्त बातें 30 अगस्त को समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर के डान वास्को स्कूल केके भवन में जिला स्तरीय युवा कन्वेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा माले वक्ताओं ने कही।

कन्वेंशन में कहा गया कि चुनाव के समय कालाधन वापस लाने, महंगाई घटाने, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, बेहतर शिक्षा- चिकित्सा की व्यवस्था करने आदि को भी ठंढ़े बस्ते में डाल दिया गया। देश की करीब 77 प्रतिशत आबादी की निर्भरता वाला कृषि को भी अडानी- अंबानी के हवाले किया जा रहा है।

दिल्ली में संघर्ष कर रहे अन्नदाता को सरकार सुनने तक का जहमत नहीं उठा रही है। निजीकरण से कोई एक वर्ग नहीं बल्कि सभी वर्ग प्रभावित होंगे। कहा गया कि इससे नौकरी तो जाएगी ही, साथ में महंगाई और भी बढ़ेगी।

इसे लेकर भाकपा माले द्वारा आगामी 25 सितंबर को भारत बंद- बिहार बंद करने का आह्वान किया गया है। इसमें बड़ी तादाद में नौजवान बंद के समर्थन में सड़क पर उतरकर निजीकरण का विरोध एवं रोजगार की मांग कर इस फौरी कार्यभार को पूरा करेंगे।

भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ धीरेंद्र झा ने ताजपुर के डान वास्को स्कूल केके भवन में जिला स्तरीय युवा कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा। कन्वेंशन की अध्यक्षता इनौस जिला सचिव आशिफ होदा ने की।

इस अवसर पर भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, आइसा के जीतेंद्र सहनी, वाहीद होदा, खेग्रामस के प्रभात रंजन गुप्ता, मुकेश कुमार गुप्ता, इनौस के अनील चौधरी, कृष्ण कुमार, मो. अलाउद्दीन, नौशाद तौहीदी, मो. एजाज, संतोष कुमार, अरशद कमाल बबलू, अर्जुन कुमार, विकास कुमार आदि ने कन्वेंशन को संबोधित किया।

कन्वेंशन में निर्णय लिया गया कि नगर-पंचायत क्षेत्रों में बैठक करते हुए आगामी 24 सितंबर को मशाल जुलूस एवं 25 सितंबर को ताजपुर- समस्तीपुर में बड़ी भागीदारी दिलाकर बंद को सफल बनाने, फसल क्षति मुआवजा दिलाने को लेकर किसान महासभा के संघर्ष में सक्रिय भागीदारी देने समेत अन्य आंदोलनात्मक निर्णय लिया गया।

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