सामाजिक बराबरी के मुर्धन्य योद्धा थे ज्योतिबा फुले-सुरेंद्र प्रसाद सिंह
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। सामाजिक बराबरी के मुर्धन्य योद्धा ज्योतिबा फुले का 197वां जन्म दिवस के पूर्व संध्या पर 10 अप्रैल को समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड क्षेत्र के मोतीपुर खैनी गोदाम पर फुले जयंती सोल्लास मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत ज्योतिबा फुले की याद में दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि देकर किया गया। तत्पश्चात उपस्थित भाकपा माले कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया।
मौके पर ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में संकल्प सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजदेव प्रसाद सिंह, संजीव कुमार, अनील शर्मा, शिवनारायण सिंह, अमर कुमार सिंह, धीरेंद्र शर्मा, सुनील शर्मा, उपेंद्र शर्मा, चंदन शर्मा आदि ने सभा को संबोधित किया।
बतौर मुख्य वक्ता सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि ज्योतिबा फुले (11 अप्रैल 1827-28 नवंबर 1890) समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रांतिकारी कार्यकर्ता थे। उन्होंने पिछड़े वर्गों में शिक्षा का अलख जगाया था, जबकि उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले महिलाओं में शिक्षा का अलख जगाया।
माले नेता सिंह ने कहा कि पिछड़े समाज एवं महिलाओं को शिक्षा की शुरुआत करने वालों के रूप में ज्योतिबा फुले को याद किया जाता है। वे महिला-पुरुषों के बराबरी के भी हिमायती थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया था।
माले नेता ने कहा कि भाजपा आज बराबरी का संदेश देने वाला संविधान एवं लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है। नागरिकों के मौलिक अधिकार पर हमला कर रही है। धर्म के नाम पर आमजनों में विभेद पैदा करने पर तुली है।
ऐसे में ज्योतिबा फुले से प्रेरणा लेकर भाजपा हटाओ -देश बचाओ, लोकतंत्र बचाओ- संविधान बचाओ का संकल्प लेकर आसन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के अभियान को तन-मन-धन से सहयोग करना चाहिए।
80 total views, 2 views today