सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (प. सिंहभूम)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में किरीबुरु-सेडल मुख्य मार्ग पर अवैध स्क्रैप लदा लाल रंग की बोलेरो किरीबुरु थाना के प्रभारी मुनाजीर हसन के नेतृत्व में पुलिस टीम ने एक अप्रैल की अहले सुबह पकड़ा। इस दौरान पुलिस टीम ने तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार करने में कामयाबी पायी।
जानकारी के अनुसार एक अप्रैल की सुबह लगभग चार बजे गुप्त सूचना के आधार पर किरीबुरु-सेडल मुख्य मार्ग पर शांति स्थल मंदिर के समीप अवैध स्क्रैप लदा लाल रंग की बोलेरो वाहन क्रमांक-JH06G/5413 के साथ तीन स्क्रैप चोरों को पकड़ने में बडी़ सफलता प्राप्त की है। पकडे़ गये स्क्रैप चोरों में किरीबुरु के मेन मार्केट रहिवासी यार मोहम्मद, सुनील करुवा एवं सुशील गोप बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार उक्त चोरी से पूर्व भी किरीबुरू पुलिस ने दो मालवाहक वाहन को मेघाहातुबुरु लौह अयस्क खदान से पकड़ा था। उस वक्त बड़ाजामदा के चर्चित स्क्रैप कारोबारी का नाम भी सामने आया था। आज पकड़े गये बोलेरो से स्क्रैप ले जाया जा रहा था। वह भी किसी लोहा माफिया के पास ले जाया जा रहा था।
लेकिन बड़ाजामदा के स्क्रैप कारोबारी के होने से क्षेत्र में चोरी की घटना में काफी बढ़ोतरी हुई है। सड़क किनारे लगे बोर्ड, गार्ड वाल घरों, खदानों आदि जगहों से जम कर चोरी की घटना अब आम बात हो गई है। इससे यहां पदस्थापित सीआईएसएफ की भूमिका पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि, किरीबुरु शहर से झारखंड और ओडिशा के विभिन्न शहरों में जाने हेतु चार मार्ग है। चारों मार्ग पर सीआईएसएफ का गेट है। जहां काफी जांच के बाद ही सीआईएसएफ द्वारा वाहनों छोड़ा जाता है, उक्त अवैध स्क्रैप लोड बोलेरो मेघाहातुबुरु के टीआर गेट से बिना जाँच के कैसे पार हो गई? स्वाभाविक है कि गेट पर तैनात जवान (एस के सतपति) जो की रात्रि पाली में थे उनकी सांठगांठ इन माफियाओं से रही होगी। खास यह कि उक्त गेट पर सीसीटीवी कैमरा भी लगा है।
इस मामले की जांच सीआईएसएफ को भी कर अपने दोषी जवानों पर कार्यवाही करनी चाहिये। क्योंकि, जब आम जन अपना घरेलु सामान या दुकान का राशन, मवेशियों का चारा आदि लाते या ले जाते हैं, तो कई तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार ड्यूटी के दौरान जवान लापरवाही भी करते हैं। जैसा कि इस घटना के बाद जब रिपोर्टिंग करने के लिए गेट पर देखने को मिला।
गेट पूरी तरह से खुला था और बीबी यादव नामक सीआईएसएफ जवान मोबाइल चलाने में व्यस्त दिखे। हालांकि जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि छोटी व निजी वाहनों को जांच करने का हमे आदेश नही है। हम सिर्फ मालवाहक वाहनो का ही जांच करते हैं।
देखा जाए तो सभी सीआईएसएफ के जवान अपनी ड्यूटी वफादारी के साथ करते हैं, लेकिन कुछ जवानो की वजह से सीआईएसएफ पर भी दाग लग रहा है। विभाग को ऐसे जवानों की पहचान करने की जरुरत है। पुलिस भी पूरे मामले की जाँच कर रही है।
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