संवेदक एवं उसके समर्थकों द्वारा जातिसूचक शब्दों से गाली गलौज का लगा आरोप
रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार अंचल के सोनपुरा मौजा में आदिवासियों की साढ़े तीन एकड़ खतियानी जमीन खेत पर लघु सिंचाई प्रमंडल बोकारो द्वारा जबरन तालाब निर्माण का आरोप लगाया गया है। जबकि बगल में परती पड़े गैरमजरूवा खास किस्म की ढाई एकड़ जमीन को दंबग कब्जा कर अतिक्रमण कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बीते दिनों लघु सिंचाई विभाग द्वारा जबरन तालाब निर्माण कार्य को रैयतों ने कार्य स्थल पर पहुंचकर रोक दिया। इस दौरान संवेदक एवं रैयतों के बीच तू-तू-मैं-मैं भी हो गई। बताया जाता है कि इस मामले को लेकर उक्त जमीन की मापी कराई गई, जिसमें प्लाट वार सीमांकन कर दिया गया। रैयतों का सर्वे सेटलमेंट से अबतक रसीद भी निर्गत होते आ रहा है।
इस संबंध में 27 मार्च को रैयतों ने बताया कि सोनपुरा मौजा के खाता क्रमांक 132, 134, 102 और 156 पर प्लाट नंबर क्रमश: 348, 350, 345, 351, 344, 352, 353 एवं 355 पर तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। जो उनके पूर्वज डुबका मांझी, वशिआ मांझी एवं दुखी मांझी के नाम पर सर्वे सेटलमेंट है।
वहीं गैरमजरूवा खास खाते भूमि खाता क्रमांक 89 प्लाट नंबर 1195 के अंतर्गत ढाई एकड़ जमीन पर अन्य कब्जा कर रहे हैं। रैयतों द्वारा इस संबंध में डीडीसी बोकारो, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल बोकारो, अंचल अधिकारी कसमार को लिखित आवेदन देकर कार्य रोकने का आग्रह किया है। लेकिन, प्रशासन की ओर से कोई कारवाई नहीं किए जाने के बाद रैयतों ने स्वयं आकर निर्माण कार्य कर रहे पाकलेन मशीन को रोक दिया है।
रैयतों में अजय मुर्मू, दीपक मुर्मू, जीतलाल मांझी, शिवचरण मांझी, बुधन मांझी, हरिदास मांझी, ईश्वर मांझी, बाबुचंद मांझी, बद्री मांझी, आनंद माझी, करमचंद मांझी, फुलेश्वर मांझी, विश्वनाथ मांझी, लखीराम मांझी, सुरेश मांझी, गुलाबचंद मांझी और अघनु मांझी शामिल है।
इस संबंध में सोनपुरा पंचायत के मुखिया चंद्रशेखर ने कहा कि इस तरह का मनमानी क्षेत्र में नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पैसे की बन्दर बाट भी योजना चालू करके किया जा रहा है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। क्षेत्र में सही तरीके से गुणवत्ता के आधार पर विकास का काम हो। जिसमें पंचायत स्तर पर सहयोग किया जाएगा। लूट की नीति बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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