अभिनेता राजन कुमार प्राइड ऑफ बिहार से सम्मानित

राजन ने चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में लाइव प्रस्तुति दी

युधिष्ठिर महतो/धनबाद (झारखंड)। चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में सारी दुनिया में विख्यात हीरो राजन कुमार को प्राइड ऑफ बिहार के खिताब से नवाजा गया।

जानकारी के अनुसार बीते 17 मार्च को बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के हद में बेतिया स्थित होटल मंगलश्री रेसिडेंसी में अभिनेता राजन कुमार को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया। निरुजा ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन की ओर से आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस अवार्ड सेरेमनी में राजन ने चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में लाइव परफॉर्मेंस भी प्रस्तुत की।

अभिनेता राजन ने चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में पूरे विश्व में बिहार का नाम रौशन किया है। उनकी इन उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें प्राइड ऑफ बिहार के सम्मान से नवाजा गया। वास्तव में राजन बिहार के गौरव हैं। इसके पीछे उनके द्वारा प्रस्तुत कई कारनामे शामिल है।
राजन हिंदी फिल्म नमस्ते बिहार के बतौर मुख्य किरदार हीरो रहे हैं।जिसमें उन्होंने राज्य की संस्कृति और कला को बढ़ावा दिया।

मुंगेर में कला ग्राम के माध्यम से उन्होंने कला क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो कला के प्रचार प्रसार में उल्लेखनीय माना जा रहा है। उन्होंने बिहार रत्न अवार्ड क्रिएट किया। जिसके अंतर्गत हर साल वे उल्लेखनीय व्यक्ति को बिहार रत्न सम्मान से नवाजते हैं।

टेटिया बम्बर मुंगेर बिहार के लोकप्रिय अभिनेता हीरो राजन कुमार मार्ग पर स्व. मीना देवी के मुरारका वैकुंठधाम (ग्रामीण श्मशान भूमि) का निर्माण उन्होंने डॉ अनिल काशी मुरारका के सहयोग से किया। इसके लिए लक्ष्मण प्रसाद सिंह व सुनीता देवी भूमिदाता हैं।

राजन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में वर्ष 2005 में दर्ज किया गया था। चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में उन्होंने 5182 शोज़ पूरे किये हैं। वर्ष 2010 में बॉलीवुड के कार्यक्रम में सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती के द्वारा राजन को हीरो का खिताब मिला है। राजन के प्रेरणास्रोत डॉ पवन अग्रवाल (इंटरनेशनल मोटिवेशमल स्पीकर), डॉ अनिल काशी मुरारका (प्रसिद्ध समाजसेवी), दक्षा सेठ (नृत्य गुरु) और किशोर नमित कपूर (अभिनय गुरु) रहे हैं।

राजन कई ब्रांड्स के आइकॉन या एंबेसडर रहे हैं। लेकिन इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया द्वारा वोटर्स को जागरूक करने के लिए आइकॉन के रूप में उनका चयन होना बहुत महत्वपूर्ण है। वे न केवल बिहार में आइकॉन हैं, बल्कि महाराष्ट्र में भी उन्हें आइकॉन बनाया गया है।

राजन स्वयं अभिनेता, निर्माता होने के साथ साथ लेखक भी हैं। उनकी पुस्तक हंसता बचपन काफी लोकप्रिय है। उनकी जीवनी पर लिखी किताब कारनामे भी सुर्खियों में रहा है।

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