बेस्ट प्रशासन के खोखले दावे
संवाददाता/ मुंबई। बेस्ट प्रशासन के खोखले दावों की पोल 28 अप्रैल 2017 की दोपहर करीब एक बजे बेस्ट बस के चालक व कंडक्टर ने खोल दी। इस दिन वाशीनाका के बेस्ट बस स्टैंड क्रमांक 26183 के पास नेत्रहीन और मंदबुद्धि छात्रों को लेकर उनके अभिभावक बस क्रमांक 351 का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान वाशीनाका से मुंबई सेंट्रल जाने वाली बस तो आई लेकिन रूकी नहीं, हालांकि बस को रोकने के लिए विकलांग यात्रियों के अलावा अन्य यात्री भी चिल्लाए। लेकिन बस नहीं रुकी।
खबर के मुताबिक वाशीनाका परिसर से मुंबई सेंट्रल जाने वाली डाउन बेस्ट बस क्रमांक 5105 रूट क्रमांक 351 आरटीओ नं: MH-01 LA, 6100 है। 28 अप्रैल 2017 की दोपहर करीब एक बजे वाशीनाका स्थित बेस्ट बस स्टैंड क्रमांक 26183 पर आई, लेकिन रूकी नहीं, जिसके कारण दो विकलांगों सहित अन्य कई यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इस बस के इंतजार में दो विकलांग छात्र अपने अभिभावक के साथ माटुंगा स्थित गुरूनानक कॉलेज जाने वाले थे। उक्त बस को रोकने के लिए विकलांगों के साथ-साथ अन्य यात्री चिल्लाये लेकिन चालक और कंडक्टर यात्रियों को नजर अंदाज कर चलते रहे। जबकि उस समय बस में बमुश्किल 20 या 25 यात्री ही बस में थे।
गौरतलब है कि वाशीनाका के महाडा कॉलोनी स्थित ओम् शांति सोसायटी के रूम नंबर चार में रहने वाले अवधराम कनोजिया परिवार में नेत्रहीन बेटी रीना ए कनोजिया (19) व मंदबुद्धि बेटा जयमंगल ए कनोजिया (16) दोनों ही विकलांग हैं। आर्थिक तंगियों से जूझ रहे कनोजिया परिवार के दोनों छात्र कहीं आने -जाने से मजबूर हैं। पढाई में तेज दोनों भाई बहन उच्च शिक्षा हासिल करना चाहते हैं। इन दोनों को कहीं भी आना या जाना होता है तो उनके पिता ही ले जाते हैं।
28 अप्रैल की घटना ने दोनों छात्रों को हिला दिया है। क्योंकि उसी दिन रीना का एडमिशन होने वाला था। बेस्ट प्रशासन के मुंबई सेंट्रल डिपो व इनके ट्रैफिक विभाग के अधिकारी पवार जिनका चेक नं 666 है, छानबीन करने पर पता चला कि 28 अप्रैल को बेस्ट बस क्रमांक 351 आरटीओ नं: MH-01 LA, 6100 के चालक का चेक नंबर 092736 और कंडक्टर का चेक नं: 109594 है। इस बात की जानकारी बेस्ट प्रशासन के मुंबई सेंट्रल डीपो के असिस्टेंट मैनेजर को दी गई है।
उन्होंने लिखित शिकायत की मांग की है। अब देखना है कि उपरोक्त बेस्ट बस के चालक व कंडक्टर पर क्या और कब कार्रवाई होती है। उल्लेखनीय है कि यात्रियों को सुरक्षित एवं आरामदायक सफर कराने का दावा करने वाली बेस्ट प्रशासन के चालकों द्वारा यात्रियों को नजर अंदाज करने के इस मामले में प्रशासन क्या कदम उठाएगी। मौजूदा समय में बेस्ट के चालक व कंडक्टरों द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। बताया जाता है की बेस्ट बसों की रफ़्तार बढ़ने के कारण सड़क हादसों का ग्राफ भी बढ़ा है।
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