विहंगम योग के प्रथम परंपरा सदगुरु धर्मचंद्र देव की मनी 105वीं जयंती

मूर्ति स्थापना की दूसरी वर्षगांठ मनाने की तैयारी को लेकर विचार मंथन

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। विहंगम योग संत समाज के संस्थापक सदगुरु सदाफल देव जी की पेटरवार प्रखंड के हद में अंगवाली स्थित मंदिर में 8 मार्च को जयंती समारोह का आयोजन किया गया। विहंगम योग संत समाज अंगवाली के तत्वावधान में प्रथम परंपरा सदगुरु धर्मचंददेव जी महराज की 105वीं जयंती पारंपरिक तरीके से मनाई गई।

इस अवसर पर संत समाज द्वारा सर्वप्रथम मंदिर प्रांगण में ‘अ’ अंकित श्वेत ध्वजा फहराए गये। स्वागत गान व गुरु वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये गुरु महिमा का बखान किया गया। तत्पश्चात गुरु गोष्ठी में आगामी 22 मार्च को महर्षि सदगुरु सदफलदेव की मूर्ति स्थापना की द्वितीय वर्षगांठ हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाए जाने को लेकर चर्चा करते हुए आपसी मंथन किया गया।

मौके पर विहंगम योग संत समाज के बोकारो जिला संयोजक नीलकंठ रविदास, कोयलांचल संयोजक आनंद केशरी, सह संयोजक प्यारेलाल यादव, पंचानन साव, नरेश मिश्रा, खिरोधर गोप, गंगा साव, बोकारो थर्मल से केपी सिंह, संतोष कुमार, भोला प्रसाद, रमेश ठाकुर, राजेंद्र राम, कथारा से जानकी प्रसाद यादव, रामेश्वर गोप, बाबूचन्द यादव, झिड़की से रामभरोस, महावीर सिंह, हंसलता, आदि।

भृगु कुमार, जगेश्वर महतो, बलदेव महतो, मधुकरपुर,कसमार से उपेंद्रनाथ महतो, नावाडीह से सुखलाल महतो, उदय महतो, नारायण मल्लाह, काली सिंह, रामकिसुन सिंह, बसेरिया से अनेश सिंह, इंद्रमोहन, महानंद, उमाशंकर साव, गोपाल दत्त, रामप्रवेश मिश्रा, राजेंद्र रजवार, छोटन नायक सहित दूरदराज की डेढ़ दर्जन महिला शिष्या भी पधारी थी।

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