एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची के मनातू स्थित ऑडिटोरियम हॉल में 29 फरवरी को झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। आयोजित तृतीय दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई।
इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन एवं केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में आप सभी के मध्य उपस्थित होना मेरे लिए विशेष गौरव का क्षण है।
उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम मैं पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक समाप्त कर उपाधि पा रहे कुल 800 स्नातकों, पारा स्नातकों और शोधार्थियों को साधुवाद देता हूँ। साथ हीं चांसलर मेडल, गोल्ड मेडल और पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों को विशेष बधाई देता हूं।
सीएम सोरेन ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह आपके शैक्षिक विकास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। आपके द्वारा अर्जित की गयी शिक्षा के उपरांत प्राप्त होने वाली यह उपाधि आपके कठोर परिश्रम और गहन समर्पण का परिणाम है। आप सबके लिए यह अवसर जितना महत्वपूर्ण है उतना ही आपके शिक्षकों, मार्गदर्शकों और अभिभावकों के लिए भी गौरव का क्षण है।
गर्व और प्रसन्नता के साथ यह उन चुनौतियों के लिए भी तैयार होने का समय है जो आपके सुखद भविष्य को आकार देगा। उन्होंने कहा कि ज्ञान से बड़ा कोई धन न है और न हो सकता है। इस ज्ञान के माध्यम से ही आप भौतिक सुख से आध्यात्मिक संतोष की यात्रा तय कर सकते हैं। राज्य में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के स्तर को शिखर तक ले जाने के लिए झारखंड राज्य सरकार कृत संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी है कि झारझंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की जा चुकी है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम अपनाया गया है। बहु-विषयक एवं रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों यथा मल्टीपल एंट्री-मल्टीपल एग्जिट, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिटस आदि का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है। राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन सियूइटी (C.U.E.T.) के माध्यम से लिया जाने लगा है। राज्य में उच्च स्तरीय शोध कार्य हेतु बुनियादी संरचना विकसित करने, नवाचार और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने तथा शिक्षकों, छात्रों की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर वृद्धि हेतु कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत 1 मार्च 2009 को अस्तित्व में आया झारखंड का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंडवासियों के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने कहा कि उक्त विश्वविद्यालय वर्तमान में दो परिसरों में परिचालित हो रहा है। अस्थायी परिसर ब्राम्बे, रांची और स्थायी परिसर चेरी-मनातू गाँव में स्थित है। स्थायी परिसर के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रथम चरण में 319 एकड़ गैरमजरुआ भूमि हस्तांतरित की गयी थी। इसके अतरिक्त राज्य सरकार ने 139 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण कर केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड को देने का निर्णय लिया है।
इसमें से 15 एकड़ अधिग्रहण हेतु लगभग 100 करोड़ की राशि का आवंटन किया जा चुका है। कुछ भूमि अधिग्रहण में कतिपय समस्याएँ हो रही हैं। इन्हे राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही दूर कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्युत आपूर्ति की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण किया जा चुका है।
इस परिसर हेतु जलापूर्ति की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने का कार्य भी राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। स्थायी परिसर में शैक्षणिक भवन एवं अन्य आंतरिक सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है। झारखंड सरकार स्थायी परिसर के निर्माणाधीन विकास कार्य में अपनी भूमिका निभाने के लिए कृतसंकल्प एवं समर्पित है। राज्य सरकार विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि आज जब आप अपनी उपाधि प्राप्त कर रहे हैं तो मैं आपसे यह अपेक्षा रखता हूं कि आप अपने लिए योग्य लक्ष्य निर्धारित करें। इसको साकार करने के लिए अपने ज्ञान और समर्पित परिश्रम का उपयोग करें। मैं आप सभी उपाधि धारकों को सार्थक एवं रचनात्मक जीवन यात्रा के लिए शुभकामना देता हूँ।
सीएम ने कहा कि समाज को आपसे बहुत आशा, आकांक्षा और उम्मीदें है। आपके द्वारा प्राप्त की गई शिक्षा से झारखंड की भूमि लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल प्रदेश के साथ-साथ खनिज संपदाओं वाला प्रदेश भी है। आप सभी के द्वारा प्राप्त की गई शिक्षा और ज्ञान से यहां की खनिज संपदाओं का उपयोग जनहित कार्यों के लिए किया जा सकेगा।
राज्य के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने में आप अपनी महत्ती भूमिका निभाएंगे ऐसा मुझे विश्वास है। कहा कि हम सभी की अभिभावक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को इस अवसर पर उनके आगमन हेतु अपनी अकुंठ कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम मनातू में तृतीय दीक्षांत समारोह में उपरोक्त के अलावा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जे.पी. लाल, विश्वविद्यालय के कुलपति क्षितिज भूषण दास, राज्य के गणमान्य एवं प्रबुद्ध बुद्धिजीवी समूह, विश्वविद्यालय के कुलसचिव, विश्वविद्यालय के कोर्ट, कार्यपरिषद और शैक्षणिक परिषद के सदस्य, संकायाध्यक्ष गण, सभी विभाग के अध्यक्ष, आचार्यगण, गैर शैक्षणिक कर्मचारीगण, उपाधि प्राप्त कर रहे सभी शोधार्थी एवं विद्यार्थीगण आदि उपस्थित थे।
114 total views, 2 views today