आर्थराइटिस की चपेट में देशवासी

घुटनों की समस्याओं से पीड़ित 15 करोड़ लोग

मुंबई। भारत से सटे चीन और पश्चिमी देशों की तुलना में आर्थराइटिस के मरीजों की संख्या काफी कम है। लेकिन उम्र खान-पान और मोटेपे की वजह से यह संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। ऐसा शाल्बी हॉस्पिटल के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निर्देशक डॉ. विक्रम शाह का कहना है। डॉ. शाह हर साल मुंबई में औसतन 700 से 800 मरीजों की टोटल ”नी रिप्लेसमेंट” सर्जरी करते हैं। उन्होंने दावा किया है कि 2022 तक भारत में हर साल लगभग दस लाख ”नी रिप्लेसमेंट” होने की संभावना है।

आंकड़ों के मुताबिक करीब 125 करोड़ की जनसंख्या वाले भारत में औसतन 15 से 19 प्रतिशत देशवासी घुटनों में दर्द या अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनमें करीब 4 करोड़ ऐसे लोग हैं जिन्हें जल्द से जल्द नी रिप्लेसमेंट कराने की जरूरत है। वहीं भारत की तुलना चीन से करें तो इसके विपरीत वहां करीब 65 करोड़ लोग घुटने की समस्याओं से परेशान हैं।

एक सर्वेक्षण में पाया गया की पश्चिमी देशों में भारत से 15 गुना से भी अधिक आर्थराइटिस मरीजों की संख्या है। आर्थराइटिस का मुख्य कारण प्रति अनुवांशिक रूप से अधिक संवेदनशील होना है। इसके अलावा लोगों की जीवन शैली भी ऐसी है जिसके कारण घुटने के जोड़ों का अधिक उपयोग होता है। डॉ. शाह ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत में जॉइंट रिप्लेसमेंट में बड़ा उछाल आया है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में देशवासी जॉइंट रिप्लेसमेंट की सर्जरी नहीं करा पा रहे है।

जबकि उन्हें इसकी सख्त जरुरत है आर्थराइटिस की समस्या पश्चिमी देशों की तुलना में 15 गुना अधिक मानी जाती है। अमेरिका में 30 करोड़ की आबादी में हर साल 7 लाख ”नी रिप्लेसमेंट” सर्जरी होती है। लेकिन भारत में यह आंकड़ा केवल डेढ़ लाख है। 1994 में भारत में कुल 350 घुटनों की सर्जरी की गई थी। लेकिन इसमें अप्रत्यक्ष रूप से वृद्धि हुई है।

शाल्बी अस्पताल के निर्देशक डॉ. भारत गज्ज्र ने कहा कि महाराष्ट्र में घुटना प्रत्यारोपण कराने वाले रोगियों में टोटल ”नी रिप्लेसमेंट” सर्जरी कराने के लिए हर महीने औसतन 60 से 65 मरीज आते है। इन मरीजों में 70 प्रतिशत महिला होती है। महाराष्ट्र में घुटने की आर्थराइटिस के मुख्य कारण उम्र बढ़ने के साथ-साथ राज्य में लोगों की खान – पान की विशिष्ठ आदतों और जीवन शैली है। शाल्बी हॉस्पिटल सर्जरी के बाद फॉलो-अप के लिए मुंबई में चार आउट पेशेंट क्लिनिक चलाता है। शहर के उन रोगियों को देखभाल की सुविधा प्रदान करता है। जिन्होंने शाल्बी हॉस्पिटल में अपने घुटने के प्रत्यारोपण की सर्जरी करवाई है।

 


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