पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ माले द्वारा विरोध मार्च व् पीएम का पूतला दहन

अन्नदाता पर लाठी- गोली बर्दाश्त नहीं- ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह

किसान की आय दोगुनी क्यों नहीं, मोदी सरकार जबाब दो-सुरेंद्र प्रसाद सिंह

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ 22 फरवरी को समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड में विरोध मार्च निकाला गया। विरोध मार्च के बाद सभा आयोजित कर भाकपा माले तथा खेग्रामस द्वारा संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया।

फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों का कर्ज माफ करने, 2020 बिजली विधेयक वापस लेने आदि की मांग को लेकर दिल्ली के सीमा पर जारी किसान आंदोलन पर पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों ने भाकपा माले, अखिल भारतीय किसान महासभा के झंडे- बैनर तले जुलूस निकालकर प्रधानमंत्री का पूतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड के किसान नेशनल हाईवे स्थित मोतीपुर सब्जी मंडी चौक पर एकत्रित होकर अभाकिम के झंडे-बैनर एवं मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां अपने-अपने हाथों में लेकर विरोध मार्च निकाला।

आंदोलनकारियों द्वारा किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं प्रधानमंत्री जबाब दो, उधोगपति का कर्ज माफ तो किसानों का कर्ज माफी क्यों नहीं मोदी सरकार जबाब दो, कृषि पर उधोगपति को कब्जा दिलाने का साजिश बंद करो आदि नारे लगाकर मार्च नेशनल हाईवे से गुजरते हुए मंडी चौक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने किया।

इस अवसर पर राजदेव प्रसाद सिंह, बासुदेव राय, मनोज कुमार सिंह, रतन सिंह, ललन दास, रवींद्र प्रसाद सिंह, मोतीलाल सिंह, राजाराम राय, गुलाब सिंह, रंजीत सिंह, भोला पंडित, कैलाश सिंह, गनौर सिंह, भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में किसान नेता ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि चुनाव पूर्व भाजपा को सत्ता में लाने पर एमएसपी लागू करने का वादा करने वाली मोदी सरकार सत्ता में आते ही अपने वादा से मुकर गई। किसान हित की दुहाई देने वाली सरकार कॉरपोरेट घराने के पक्ष में कानून बनाने लगी है। कृषि को कॉरपोरेट कब्जा से बचाने के लिए संघर्षरत किसान से सरकार वार्ता भी की।

किसानों से मांग को पूरा करने का वादा भी किया। कमिटी भी बनाई गई, लेकिन मांग नहीं माना गया। फलत: किसानों ने अल्टीमेटम देकर पुनः आंदोलन शुरू किया। सरकार वार्ता करने, मांग पूरा करने के बजाय आंदोलनरत किसानों पर पुलिस को आगे कर दमन चक्र चला रही है।

उन्होंने कहा कि राम को लाने के लिए अंगना बुहारने वाली सरकार किसान के रास्ते पर कील ठोंक रही है. अश्रु गैस के गोले दागे रही है। पैलेट गण चला रही है। यह अन्नदाता के साथ नाइंसाफी है। इस नाइंसाफी के खिलाफ किसानों से आंदोलन तेज करने का आह्वान किया गया।

इस अवसर पर माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने सवालिया लहजे में कहा कि जब सरकारी कर्मियों, पूंजीपतियों की आय दोगुनी, चौगुनी तो किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं। सभा के अंत में प्रधानमंत्री का पूतला फूंक कर विरोध जताते हुए 2024 के आम चुनाव में भाजपा के मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प दोहराया गया।

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