एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बिहार के विभिन्न विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत रसोईया को 21 हजार रूपये मानदेय देने, रसोईया को राज्यकर्मी का दर्जा देने, केंद्रीकृत किचेन को रद्द करने आदि मांगों को लेकर विधानसभा पर प्रदर्शन में भाग लेने को लेकर बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ ऐक्टू जत्था चार पहिया वाहन से 21 फरवरी को रवाना हुआ।
जानकारी के अनुसार रसोईया जत्था समस्तीपुर जिला के हद में अस्पताल चौक ताजपुर से बिहार की राजधानी पटना के लिए रवाना हुआ। रसोईया जत्था का नेत्री संघ के प्रखंड सचिव प्रभात रंजन गुप्ता, अध्यक्ष गिरजा देवी, मंजू देवी, अर्पणा देवी आदि कर रहे थे।
मौके पर भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सारे मानदेय कर्मी में सबसे कम मानदेय पर रसोईया से काम कराया जाता है।
उनसे खाना बनाने, खिलाने, बर्तन धोने के अलावे भी कई काम कराया जाता है, जबकि सरकार रसोईया को मात्र 1650 रुपये मानदेय देती है। उन्होंने कहा कि रसोईया कार्यकर्ता से 12 महीने काम कराया जाता है, जबकि सरकार 10 महीने का मानदेय देती है। बात-बात पर शिक्षक रसोईया को हटा देने की धमकी देते रहते हैं। यह अन्याय है। इस अन्याय के खिलाफ नगर एवं प्रखंड के रसोईया को ऐक्टू के बैनर तले एकताबद्ध कर आंदोलन तेज किया जाएगा।
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