7वें दिन भी बेस्ट कर्मचारियों की हड़ताल जारी

मुंबई। मुंबई में बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ ऐंड ट्रांसपॉर्ट के बस कर्मचारियों की हड़ताल अब सातवें दिन में पहुंच गई है। बेस्ट की स्ट्राइक से कभी न रुकने वाले मुंबई शहर की रफ्तार थम सी गई। सोमवार से शुरू हुए नए सप्ताह में में बेस्ट बस हड़ताल के कारण मुंबईकरों की परेशानियों का दौर जारी रहा। रोजाना बेस्ट बसों का इस्तेमाल करने वाले 29 लाख यात्रियों के साधन पर ब्रेक लगा हुआ है। प्रशासन, यूनियन और मनपा के त्रिकोण में मुंबईकर फंसे हुए हैं। इक्का-दुक्का ड्राइवरों के ही ड्यूटी पर आने के कारण हफ्ते के पहले दिन मुंबई के लोग जूझते नजर आ रहे थे।

बेस्ट की हड़ताल के विरोध में बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद कोर्ट ने समिति का गठन कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव, परिवहन सचिव और नगर विकास सचिव की अध्यक्षता में मनपा, बेस्ट कर्मचारी यूनियन और बेस्ट प्रशासन ने अपना पक्ष रखा.इसके बाद रिपोर्ट तैयार हुई, जिसे सोमवार को कोर्ट को सौंपा जाना है। यूनियन का मुख्य मुद्दा है बेस्ट के बजट का मनपा के बजट में विलय करना। इससे मनपा इनकार कर रही है। जूनियर ग्रेड के कर्मचारियों की पदोन्नति दूसरा अहम मुद्दा है। इसके लिए भी प्रशासन राजी नहीं है।

कर्मचारी यूनियन अपनी मांगों पर अड़ी है। पिछले सात दिनों से चल रही बेस्ट की हड़ताल को शिवसेना की राजनीतिक असफलता से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बेस्ट समिति और बीएमसी, दोनों में सेना की ही सत्ता है, लेकिन फैसले लेने वाले नौकरशाहों का रिमोट कहीं और है। मुंबई जैसे महानगर में बेस्ट बसों की हड़ताल का जारी रहना अफसोसजनक है। वह भी तब, जबकि प्रशासन हड़ताली कर्मचारियों पर मेस्मा लगा चुका है और अदालत ने भी समिति बनाकर मामला जल्दी सुलझाने को कहा था। इसमें कोई शक नहीं कि कर्मचारियों की जायज मांगें मानी जानी चाहिए, लेकिन यूनियन को भी यह ध्यान में रखना चाहिए कि नागरिकों को कोई परेशानी न हो। सोमवार को सप्ताह के पहले दिन लाखों लोग फिर परेशान हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इस असुविधा की जिम्मेदारी कौन लेगा?

 


 350 total views,  2 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *