पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओडिशा)। क्योंझर जिला के हद में जोड़ा शहर में टाटा पावर कंपनी अधिकारियों के रवैया से दिन-ब-दिन परेशानी बढ़ता जा रहा है। इससे खासकर क्षेत्र के व्यापारियों की परेशानी कम होने के बजाय और बढ़ गया है।
बताया जाता है कि जब से बिजली विभाग की जिम्मेदारी टाटा पावर को सौंपी गई है, ऐसा लग रहा है कि कंपनी के अधिकारियों को ताकत मिल गई है। ज्ञात हो कि जोड़ा खनन बाहुल्य क्षेत्र है। यहां के रहिवासी आमतौर पर व्यवसाय पर निर्भर रहते हैं। कोई खनन का व्यवसाय कर रहा है तो कोई विभिन्न छोटे-मोटे व्यवसाय कर जीविकोपार्जन कर रहा है।
टाटा पावर के आने के बाद से छोटे व्यापारियों को अकल्पनीय घाटा उठाना पड़ रहा है। लंबे समय तक बिजली गुल रहने के बाद अगर आप कंपनी द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर फोन करते हैं तो वे आसानी से कह देते हैं कि फाल्ट हो गया है। काम चल रहा है। इंतजार करें। दो-तीन घंटे बाद आएगा। जिसका सीधा असर व्यापारियों के कारोबार पर पड़ता है।
वहीं, बिजली आपूर्ति कंपनी अब यूजर्स को एक महीने की बजाय 22 दिन में बिल का भुगतान करने को कह रही है। बिल चुकाने के एक घंटे बाद एक महिला को बिल लेने के लिए भेजा जाता है। जिससे व्यवसायियों में असंतोष के बीज पनप रहे हैं। यही स्थिति रही तो व्यवसायियों ने आने वाले दिनों में टाटा पावर के कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी है।
बताया जाता है कि सरकार ने 24 घंटे बिजली देने का आदेश दिया है, लेकिन टाटा पावर सरकार के नियमों की परवाह किए बिना मनमाने ढंग से बिजली कटौती कर रही है, जिससे रहिवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार अघोषित बिजली कटौती से जनता परेशान है और व्यापार घाटे में चल रहा है, जिससे व्यापारी अपने बिजली बिल का भुगतान करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं।
आमतौर पर विभागीय अधिकारियों से इस पर गौर करने की मांग की जाती है। लेकिन अधिकारी ध्यान नही देते। व्यापारियों ने कहा कि यदि विभागीय अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले दिनों में यह और तीव्र हो जायेगी।
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