एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बीपीएससीएल प्रबंधन की वादाखिलाफ़ी के विरोध में क्षेत्र के विस्थापितों ने मोर्चा खोल रखा है। विस्थापित प्रभावित लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अनिश्चितकालीन आंदोलन 8 फरवरी को लगातार 9वां दिन ऐश पौंड में चल रहे सभी कार्यों को ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापितों ने अपनी मांग को लेकर कार्य को बाधित रखा।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे विस्थापित स्लैग कंपार्टमेंट समिति के अध्यक्ष रघुनाथ महतो ने कहा कि ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापित वर्षों से अपने नियोजन, पुनर्वास, रोजगार, ठेका के लिए आंदोलन करते रहे हैं। इस बीच कई बार त्रिपक्षीय वार्ता भी हुई, परंतु आज तक त्रिपक्षीय वार्ता का अनुपालन नहीं किया गया है।
और ना ही बीएसएल प्रबंधन या बीपीएससीएल प्रबंधन यहां के विस्थापितों को रोजगार दे रहा है, और न ही ठेका दिया जा रहा है। यहां तक कि ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापित गांव को ऐश पौंड के छाई प्रदूषण से प्रभावित कर रहा है। इसको लेकर झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को भी सूचित किया गया है। कई बार बांध टूटने से भी विस्थापित गांव में छाईयुक्त पानी घरों में घुसने से विस्थापित परेशान होकर घरों से बाहर रहने को मजबूर है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के द्वारा कार्यवाही करने की बात भी कही गयी, परंतु बीपीएससीएल प्रबंधन आज भी मनमानी करते हुए कार्य कर रही है। जो यहां के विस्थापित बर्दाश्त नहीं करेंगे।
महतो ने कहा कि झारखंड सरकार के अधिनियम 2021 के तहत स्थानीय को 75 प्रतिशत रोजगार देने का भी नियम बनाया गया है। परंतु यहां के विस्थापित आज भी रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं। बीएसएल प्रबंधन या बीपीएससीएल प्रबंधन द्वारा यहां के विस्थापितों को किसी तरह का कोई सुविधा नहीं दिया जा रहा है।
ऐश पौंड में चल रहे कामों पर बाहर से ठेकेदार को लाकर काम कराया जा रहा है, जो विस्थापितों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि प्लांट के बाहर जो भी ठेका कार्य है, वह विस्थापितों के लिए आरक्षित करना चाहिए। परंतु बीएसएल प्रबंधन और बीपीएससीएल प्रबंधन किसी तरह का विस्थापितों को ठेका नहीं दे रही है। उन्हें न तो रोजगार न ही नियोजन और ना ही पुनर्वास किया जा रहा है।
जिससे यहां के विस्थापितों मे काफी आक्रोश व्याप्त है। इसी को लेकर ऐश पौंड से प्रभावित विस्थापित अपनी मांगों को लेकर ऐश पौंड में चल रहे सारे कार्यों को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया है। यह बंदी आगे भी जारी रहेगा। जब तक कि यहां के विस्थापितों के साथ बीएसएल प्रबंधन एवं बीपीएससीएल प्रबंधन न्याय नहीं करती है। ऐश पौंड में किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं चलने दिया जाएगा।
बंदी में मुख्य रूप से निरंजन महतो, शंकर रवानी, बबलू रजवार, दीपू मोदी, गणेश महतो, चंदन कुमार, नागेश्वर सिंह, मनोज सिंह, मूर्ति सिंह, अवधेश रवानी, रवि कुमार, उत्तम महतो, चंदन कुमार महतो, शीतल देवी, तुलसी देवी, सोमरी देवी, छुमिया देवी, मंजू देवी, पार्वती देवी, जीतू सिंह, सुरेश रवानी, भुता सिंह, बिनोद रवानी, राजेश मिश्रा आदि सैकड़ो प्रभावित रहिवासी उपस्थित थे।
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